newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi: दिल्ली के बलजीत नगर में नीतीश की पीट-पीटकर हत्या, उफीजा, अदनान और अब्बास पर आरोप, तलाश रही पुलिस

परिजनों का कहना है कि उनका बेटा आरएसएस और बजरंग दल से जुड़ा हुआ था और हिंदुत्व के मसले को लेकर खुलकर अपनी राय जाहिर करता था, जिससे खफा होने के बाद उसकी हत्या कर दी है। हालांकि, पुलिस ने सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर दिया है। हालांकि, मामले के संदर्भ में आलाधिकारियों की ओर से कुछ भी कहने स गुरेज ही किया जा रहा है। उधर, परिजनों की ओर से आरोपियों के विरुद्ध फांसी की मांग की जा रही है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के बजलीत नगर से दिह दहला देने वाला मामला प्रकाश में आया है। बलजीत नगर से दो गुटों में झगड़े का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल, नीतीश नाम के एक शख्स की कुछ युवकों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी फरार हैं। आरोपियों में उफीजा, अदनान और अब्बास हैं। तीनों ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। हालांकि, पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की बात कही है। उधर, इस हत्याकांड के बाद परिजनों समेत इलाके के लोगों में आक्रोश चरम पर है।

बता दें कि नीतीश के परिजन शव को बीच सड़क पर रखकर शासन से इंसाफ की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि उनका बेटा आरएसएस और बजरंग दल से जुड़ा हुआ था और हिंदुत्व के मसले को लेकर खुलकर अपनी राय जाहिर करता था, जिससे खफा होने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि, पुलिस ने मामले सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर दिया है। हालांकि, मामले के संदर्भ में आलाधिकारियों की ओर से कुछ भी कहने स गुरेज ही किया जा रहा है। उधर, परिजनों की ओर से आरोपियों के विरुद्ध फांसी की मांग की जा रही है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, नीतीश और आलोक भिड़ंत में बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिसके बाद दोनोंं को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां नीतीश ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया जिसके बाद आक्रोशित परिजन अब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस लड़ाई में नीतीश, मोंटी और आलोक शामिल थे, जिसमें नीतीश की जान चली गई।

77 पेज का सुसाइड नोटः मां का मर्डर कर डेडबॉडी के साथ रहा 4 दिन, खुद की मौत के लिए अपनाया ब्रूटल तरीका

उधर, मामले से जुड़ा सीसीटीवी फुटैज भी प्रकश में आया है, जिसमें पूरे मामले को दृश्य रूप में देखा जा सकता है कि कैसे आरोपी इस दिल दहला देने वाले मामले को अंजाम देते हुए नजर आ रहे हैं। उधर, नीतीश के परिजन अब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो चुकी है। हालात इस कदर गंभीर हो चुके हैं कि इलाके में एक पुलिस थाना तक नहीं है, लेकिन अब पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। हालांकि, अब इस मामले में हिंदू संगठन की ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इसका सभी को इंतजार रहेगा, क्योंकि नीतीश के बारे में बताया जा रहा है कि वो कई हिंदू संगठनों से जुड़ा हुआ था।

पुलिस ने क्या कहा?

उधर, पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद जहां सांप्रदायिक एंगल से साफ इनकार कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ डीसीपी श्वेता चौहान ने बडी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को शादीपुर इलाके में नितेश, आलोक और मोंटी के तीन लोगों ने बाइक पर सवार एक व्यक्ति को रोका और उसकी पिटाई शुरू कर दी। कुछ समय बाद, इन तीनों पर काबू पा लिया गया और प्रतिद्वंद्वी समूह के अन्य पुरुषों द्वारा पीटा गया।

वहीं, डीसीपी श्वेता चौहान ने आगे कहा कि, ‘नितेश को गंभीर चोटें आईं और कल रात उसकी मौत हो गई। हत्या का मुकदमा दर्ज। तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है। वे दूसरे समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। लड़ाई किसी सांप्रदायिक कारण से नहीं थी।