नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर उत्तराखंड में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला और सरकार ने यूसीसी को लागू भी कर दिया। अब उत्तराखंड की तर्ज पर असम में भी अहम फैसला लिया है। राज्य में हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने देर रात (24 फरवरी) को मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून 1930 को खत्म कर दिया है। इसकी जानकारी खुद हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर शेयर की है। इसके अलावा विवाह की उम्र को लेकर भी बड़ी बात कही है।
On 23.22024, the Assam cabinet made a significant decision to repeal the age-old Assam Muslim Marriages & Divorces Registration Act. This act contained provisions allowing marriage registration even if the bride and groom had not reached the legal ages of 18 and 21, as required…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 23, 2024
खत्म किया मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण एक्ट
हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्विटर पर नए फैसले की जानकारी देते हुए लिखा- ” सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को असम कैबिनेट ने खत्म कर दिया है…।इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल थे, भले ही दूल्हा और दुल्हन 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र तक नहीं पहुंचे हों, जैसा कि कानून द्वारा आवश्यक है। यह कदम असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है“। बता दें कि मुस्लिम समुदाय के निकाह और तलाक के मामलों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सुलझाया जाएगा। यानि तलाक या शादी रजिस्टर से जुड़ा काम अब जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार करेंगे। पहले ये अधिकार मुस्लिम मैरिज एंड डाइवोर्स एक्ट तहत काम कर रहे मुस्लिमों को था, लेकिन अब सरकार उन्हें भी हटाने वाली हैं।
In today’s meeting of the Assam Cabinet we took several historic decisions
1️⃣ Include Manipuri as an associate official language in 4 districts
2️⃣Introduce 6 tribal languages- Mising , Rabha, Karbi, Tiwa , Deori and Dimasa- as medium of instruction as per the NEP 2020
1/2 pic.twitter.com/iHpFr1U4cd
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 23, 2024
बाल विवाह पर लगेगी रोक
कैबिनेट मंत्री जयंत बरुआ ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड की दर्ज पर हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार भी राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करेगा। सरकार का मानना है कि उससे राज्य में बाल विवाह जैसे अपराधों पर रोक लगेगी।
We further decided to
3️⃣ Approve ₹1000 cr to boost the rural economy
4️⃣ Sanction ₹274 cr for infrastructure development
2/2 pic.twitter.com/fNaJRGZZZs
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 23, 2024
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर भी अहम कदम
हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने शिक्षा को लेकर भी अहम कदम उठाया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा-” एनईपी 2020 के अनुसार शिक्षा के माध्यम के रूप में 6 जनजातीय भाषाओं- मिसिंग, राभा, कार्बी, तिवा, देवरी और दिमासा का परिचय होगा और 4 जिलों में मणिपुर को सह-योगी राजभाषा के रूप में शामिल किया जाएगा”