
अमरावती। नूपुर शर्मा के समर्थन की वजह से इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथ सिर्फ राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल ने ही जान नहीं गंवाई। इसी वजह से महाराष्ट्र के अमरावती में भी एक हिंदू की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक का नाम उमेश प्रह्लादराव कोल्हे था। कोल्हे ने कथित तौर पर बीजेपी की नेता रहीं नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। जिसके बाद 21 जून को उनकी हत्या कर दी गई। उमेश कोल्हे 54 साल के थे। उमेश के बेटे संकेत की शिकायत के बाद अमरावती कोतवाली पुलिस ने 23 जून को मुदस्सिर अहमद और शाहरुख पठान को गिरफ्तार किया। जिनसे पूछताछ के बाद 25 जून को अब्दुल तौफीक, शोएब खान और आतिब राशिद को गिरफ्तार किया गया। एक अन्य आरोपी शमीम अहमद उर्फ फिरोज अभी फरार है। न्यूज 18 के मुताबिक अब एनआईए इस मामले की जांच भी कर सकती है।
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पुलिस की जांच में पता चला कि उमेश कोल्ह ने वाट्सएप ग्रुप पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट फॉरवर्ड की थी। उस पोस्ट को उन्होंने गलती से मुस्लिमों के एक ग्रुप में शेयर कर दिया। उस ग्रुप से उमेश अपने कस्टमर्स की वजह से जुड़े थे। अखबार के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने पुलिस को बताया है कि पैगंबर के अपमान की वजह से उमेश को मरना ही चाहिए था। पुलिस को उमेश के बेटे संकेत ने बताया है कि 21 जून की रात उमेश अपना मेडिकल स्टोर बंद करके जा रहे थे। संकेत और उनकी पत्नी वैष्णवी दूसरे स्कूटर पर थे। संकेत के मुताबिक प्रभात चौक से होकर जब वे महिला कॉलेज न्यू हाईस्कूल के गेट पर पहुंचे कि बाइक पर सवार दो लोगों ने सामने से उनके पिता को घेर लिया।
Shop owner in Amravati likely killed for post supporting Nupur Sharma | Cities News,The Indian Express @ARanganathan72 @AmitShah One more killing Sir please we need to take serious actions https://t.co/ROq5JQMffx
— HPR (@Nationcmefirst) July 2, 2022
संकेत के मुताबिक उन्होंने उमेश कोल्हे की गर्दन पर बाईं तरफ चाकू मारा। इससे वो गिर गए और खून बहने लगा। संकेत ने पुलिस को बताया कि वो मदद के लिए गुहार लगाने लगे। इस बीच एक तीसरा शख्स आया और वे तीनों अपनी अपनी बाइक से फरार हो गए। उमेश कोल्हे को लोगों की मदद से पास के अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन वहां उनका निधन हो गया। अमरावती पुलिस के हवाले से अखबार ने बताया है कि गिरफ्तार लोगों ने जांच में खुलासा किया कि उन्होंने एक और से मदद ली थी। जिसने 10000 रुपए और कार से फरार होने में मदद की थी।