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Uddhav And Raj Thakerey: उद्धव और राज ठाकरे के बीच हो सकता है गठबंधन, शिवसेना-यूबीटी के विधायक अनिल परब ने दिए संकेत

Uddhav And Raj Thakerey: अविभाजित शिवसेना के सुप्रीमो रहे बाला साहेब ठाकरे के रहते ही राज ठाकरे अलग हो गए थे। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई। हालांकि, फायरब्रांड नेता के तौर पर पहचान के बावजूद राज ठाकरे की एमएनएस को चुनावों में बड़ी सफलता नहीं मिली। उनके बेटे तक महाराष्ट्र का पिछला विधानसभा चुनाव हार गए। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी को भी जोरदार झटका लगा था।

मुंबई। आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया गठबंधन दिख सकता है। ये गठजोड़ उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस के बीच होता दिख रहा है। उद्धव ठाकरे की पार्टी के विधायक अनिल परब ने इसके संकेत दिए हैं। मीडिया से बातचीत में उद्धव की पार्टी के विधायक अनिल परब ने कहा है कि राज ठाकरे से बातचीत करने के प्रति उद्धव ठाकरे सकारात्मक हैं। शिवसेना-यूबीटी के विधायक अनिल परब ने कहा कि महाराष्ट्र के हित में राज ठाकरे को फैसला करना होगा कि वो उद्धव ठाकरे के साथ आना चाहते हैं या नहीं।

अनिल परब ने कहा कि उद्धव ठाकरे पहले ही विवादों को किनारे रख राज ठाकरे का साथ लेने की बात कह चुके हैं। अब फैसला राज ठाकरे को करना है। अनिल परब ने ये दावा भी किया कि महाराष्ट्र की जनता भी चाहती है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आएं। अनिल परब ने कहा कि उद्धव और राज ठाकरे के बीच मुलाकात होने पर ही शिवसेना-यूबीटी और एमएनएस के बीच गठजोड़ पर आखिरी फैसला होगा। अनिल परब ने कहा कि चुनाव के नजदीक आने के साथ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे गठबंधन करने के बारे में फैसला करेंगे। अनिल परब के बयान से लग रहा है कि गठबंधन के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच काफी हद तक भीतरी सहमति बन चुकी है।

अविभाजित शिवसेना के सुप्रीमो रहे बाला साहेब ठाकरे के रहते ही राज ठाकरे अलग हो गए थे। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई। हालांकि, फायरब्रांड नेता के तौर पर पहचान के बावजूद राज ठाकरे की एमएनएस को चुनावों में बड़ी सफलता नहीं मिली। उनके बेटे तक महाराष्ट्र का पिछला विधानसभा चुनाव हार गए। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी को भी जोरदार झटका लगा था। उद्धव की पार्टी के सिर्फ 20 विधायक ही चुने जा सके थे। माना जा रहा है कि इसी वजह से एक बार फिर उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि राज ठाकरे उनके साथ आएं और मिलकर चुनाव लड़ें।