
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में अजित पवार की बगावत को 43 दिन हो गए हैं। इस दौरान अजित पवार 4 बार अपने चाचा शरद पवार से मिल चुके हैं। बीते दिनों ही अजित पवार ने एक उद्योगपति के घर पर शरद पवार से मुलाकात की। इस मुलाकात की खबर लीक होने के बाद शरद पवार ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि कुछ शुभचिंतक उन्हें बीजेपी के साथ आने के लिए कह रहे हैं, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है। हालांकि, शरद पवार के इस बयान से महाविकास अघाड़ी में शामिल उद्धव गुट की शिवसेना संतुष्ट नहीं लग रही। उद्धव ठाकरे के अखबार ‘सामना’ में अब शरद पवार पर भ्रम पैदा करने की बात कहते हुए निशाना साधा गया है।
सामना अखबार के संपादक संजय राउत हैं। वो उद्धव ठाकरे के करीबी हैं। सामना में अजित पवार और शरद पवार के बीच लगातार मुलाकातों पर संपादकीय लिखा गया है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि लोगों को भ्रम हो रहा है कि बीजेपी के देशी चाणक्य अजित पवार को ऐसी मुलाकातों के लिए भेज रहे हैं क्या। अजित पवार की ऐसी मुलाकातों से भ्रम पैदा होगा या और बढ़ेगा। सामना में इसे रोज-रोज का खेल बताया गया है। साथ ही लिखा गया है कि आखिर किस पर हंसा जाए और किस पर नाराजगी जताई जाए। सामना ने इसके बाद संपादकीय में लिखा है कि इस तरह की मुलाकातों से शरद पवार की छवि मलिन हो रही है और ये ठीक नहीं है।
इससे पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस ने बीते दिनों भी शरद पवार पर सवाल खड़े किए थे। तब शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी को तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार देने के वक्त उनके साथ मंच साझा किया था। शरद पवार उस कार्यक्रम में मोदी से हंसकर बात करते और पीएम की पीठ ठोकते भी दिखे थे। इससे पहले शरद पवार कई बार मोदी का समर्थन भी कर चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के मामले में मोदी की तारीफ की थी। अडानी के मसले को भी न उठाने की सलाह शरद पवार ने कांग्रेस को दी थी। अडानी से मुलाकात की तस्वीर सामने आने के बाद शरद पवार पर दिल्ली कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने निशाना भी साधा था।