नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चिराग अब जेडी श्रेणी के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। खुफिया विभाग (आईबी) की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चिराग की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे पहले चिराग की सुरक्षा एसएसबी कमांडो कर रहे थे अब सीआरपीएफ के जवान उनकी सिक्योरिटी में तैनात रहेंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि आईबी थ्रेट रिपोर्ट में चिराग पासवान पर खतरा होने का अंदेशा जताया गया था। वहीं दो दिन पहले ही बिहार के गया में स्थित अतरी विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने चिराग के पिता दिवंगत रामविलास पासवान की मूर्ति के तोड़ दी। ऐसा माना जा रहा है कि इस घटना को देखते हुए भी चिराग की सुरक्षा तत्काल बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
The Central government has handed over the ‘Z category’ security cover of Union Minister Chirag Paswan to the Central Reserve Police Force (CRPF). The security was earlier handled by the Sashastra Seema Bal (SSB). The CRPF will take over the security from the SSB in the next few… pic.twitter.com/00SaMHW9eb
— ANI (@ANI) October 14, 2024
चिराग पासवान की सुरक्षा में अब से सीआरपीएफ के 33 सुरक्षागार्ड तैनात रहेंगे। इनमें से 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड आवास पर रहेंगे। 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो, वाचर्स शिफ्ट में 2 कमांडो और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते हैं। बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एनडीए में शामिल चिराग पासवान की पार्टी को बिहार से 5 लोकसभा सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी थीं। जिसमें हाजीपुर से चिराग खुद चुनाव लड़े थे। हाजीपुर रामविलास पासवान की सीट थी, जहां से चिराग के चाचा पशुपति पारस सांसद थे और उन्होंने अपनी अलग पार्टी लोजपा (राष्ट्रीय) बना ली थी।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में पशुपति केंद्रीय मंत्री थे इसके बावजूद इस बार उनकी पार्टी को एक भी सीट न देकर चिराग पर भरोसा जताया था। चिराग समेत उनकी पार्टी के पांचों प्रत्याशी जीत गए। इसके बाद चिराग को जीत का तोहफा देते हुए पीएम मोदी ने उनको अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। फिलहाल चिराग के पास केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी है। चिराग इससे पहले भी सांसद रह चुके हैं मगर इतनी बड़ी जिम्मेदारी उनको पहली बार सौंपी गई है।