लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के दिन राजधानी लखनऊ ,गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा व मेरठ समेत कई जिलों में बिजली गुल हो जाने के मामले की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ को सौंपी है। उन्होंने दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अपने जारी बयान में कहा कि कल कई क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं की बाधित विद्युत आपूर्ति के प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जांच में अगर कोई दोषी मिले तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस घटना की जांच एसटीएफ से कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र था, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। ज्ञात हो कि बुधवार को अचानक कई जिलों की बिजली चली गई लेकिन घरों में लगे स्मार्ट मीटर चालू थे। जिन क्षेत्रों में बिजली बंद हुई उनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र आते हैं। इससे जिलों में हड़कंप मच गया।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने गत दिवस कतिपय क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं की बाधित विद्युत आपूर्ति के प्रकरण की जांच एस.टी.एफ. से कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जांचोपरांत दोषी पाए गए लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) August 13, 2020
लखनऊ में कई उपकेंद्रों पर उपभोक्ता इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे, वहीं शक्ति भवन में अफरातफरी मच गई। आला अधिकारी शक्ति भवन में डटे रहे और तकनीकी गड़बड़ी दुरुस्त कर आपूर्ति बहाल कराने की कोशिश करते रहे।
यह गड़बड़ी पॉवर कारपोरेशन के शक्ति भवन मुख्यालय से हुई थी। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार को जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। स्मार्ट मीटर का काम देख रही ईईएसएल के स्टेट हेड व एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर को देर रात निलंबित कर दिया गया है।
दरअसल, प्रदेशभर में 10 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। शक्तिभवन मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से स्मार्ट मीटर पर निजी कंपनी एलएंडटी और ईईएसएल द्वारा नजर रखी जाती है। बुधवार दोपहर बाद लगभग तीन बजे प्रदेश के लाखों स्मार्ट मीटर से बिजली आपूर्ति ठप हो गई जबकि विद्युत उपभोक्ताओं का न बिल बकाया था और न ही देय तिथि बीती थी।