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Uttar Pardesh: लोकल से ग्लोबल बनता यूपी का ओडीओपी, पर्व-त्योहारों पर स्थानीय उत्पाद देने की मजबूत हो रही परंपरा

Uttar Pardesh: मालूम हो कि 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के प्रथम स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबके राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में इस बेहद महत्वाकांक्षी योजना को लांच किया था। मकसद था प्रदेश के परंपरागत कला, कौशल, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं संवर्द्धन करते हुए प्रदेश का समग्र विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना।

नई दिल्ली। “वोकल फ़ॉर लोकल” के नारे को जमीन पर उतारने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) चार साल में ही लोकल से ग्लोबल होने की राह पर है। दशहरा हो या होली, दीपावली, नववर्ष हो या कोई खास समारोह,अब गिफ्ट हैंपर, सम्मान या स्मृति चिन्ह के रूप में खास अतिथियों को ओडीओपी के ही उत्पाद दिए जाते हैं। मिलने वाले खास अतिथिओं को तो मुख्यमंत्री लगभग अनिवार्य रूप से ओडीओपी उत्पादों का ही गिफ्ट हैंपर देते हैं। हाल ही में प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों की तब जबरदस्त ब्रांडिंग हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 देशों की बैठक दौरान इनके राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों को उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों को भेंट स्वरूप दिया। यह पहला अवसर नहीं है। इससे पहले भी कुशीनगर अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लोकार्पण के अवसर पर बौद्धिष्ट देशों से आये अतिथियों को भगवान बुद्ध का प्रसाद माना जाने वाला सिद्धार्थनगर का ओडीओपी उत्पाद कालानमक चावल भेंट के रूप में दिया गया।

मालूम हो कि 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के प्रथम स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबके राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में इस बेहद महत्वाकांक्षी योजना को लांच किया था। मकसद था प्रदेश के परंपरागत कला, कौशल, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं संवर्द्धन करते हुए प्रदेश का समग्र विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना। लांच होने के करीब चार साल में ही यह योजना सफलता की नई गाथा रच रही है। यही वजह है कि अपने हर संबोधन में मुख्यमंत्री इस योजना का जिक्र जरूर करते हैं। बीते दिनों सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीओपी हमारी विरासत का प्रतीक है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में निर्यात 88 हजार करोड़ से बढ़कर 1,56 लाख करोड़ पहुँच गया। उन्होंने जी-7 समिट का भी जिक्र किया। इस संबंध में मूख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री ने जर्मनी में सम्पन्न जी7 समिट में उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों को उपहार स्वरूप वहां मौजूद शासनाध्यक्षों को भेंटकर वोकल फॉर लोकल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का एक बार फिर परिचय दिया”।

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ब्रांडिंग, पैकेजिंग मार्केटिंग का अहम जरिया बन रही सीएफसी

उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पाद देश-दुनियां में ब्रांड बनें। इससे जुड़े लोंगों के जीवन में खुशहाली आए इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसमें कॉमन फैसिलिटी सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां एक ही छत के नीचे संबंधित जिले के ओडीओपी उत्पाद की ग्रेडिंग, पैकिंग, स्टोर समय जरूरत की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ऐसे ही चार सीएफसी केंद्रों सीतापुर, आगरा, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर और अम्बेडकरनगर का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। इस तरह के सीएफसी हर जिले में बननी है। यही नहीं ओडीओपी के लिए ही सिडबी की मदद से 35 जिलों में स्वावलंबन केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस तरह के केंद्र हर जिले में स्थापित किए जाने हैं। जमाना ऑनलाइन बाजार का है। लिहाजा ओडीओपी उत्पादों को सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी कराया गया है। इस प्लेटफार्म का सरकार लगातार विस्तार भी कर रही है। मसलन हाल ही में सरकार और अमेजन के बीच एक एमओयू पर दस्तखत किए गए हैं। अमेजन कानपुर में एक डिजिटल केंद्र केंद्र स्थापित किया है। इससे ओडीओपी इकाइयों को अपना उत्पादन बेचने का देश-दुनिया में बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।