
लखनऊ। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया था। मगर इसके बावजूद भी यूपी के शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। फर्जी डाक्यूमेंट्स के आधार पर 25 जिलों में नौकरी करने वाली ‘अनामिका शुक्ला’ का मामला सामने आने के बाद सत्ता के गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। आलम यह रहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को भी प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई देनी पड़ी। ‘अनामिका शुक्ला’ फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद एक और नया मामला सामने आया है।
इस बार दीप्ती सिंह नाम की टीचर राडार पर हैं। मैनपुरी जनपद के करहल के कस्तूरबा गांधी स्कूल में फर्जी शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही थी। प्रदेश में अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद हंगामा बड़ा तो कथित दीप्ति ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि कस्तूरबा गांधी स्कूल अभी बंद है, लेकिन दीप्ति सिंह का इस्तीफा आते ही शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। बीएसए ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बना दी।
यह है मामला
मैनपुरी के करहल कस्बे में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कार्यरत दीप्ति सिंह नाम से एक शिक्षिका के खिलाफ बेवर में अनुदेशक के पद पर तैनात दीप्ति सिंह ने शिकायत की थी। अनुदेशक के मुताबिक कस्तूरबा विद्यालय में तैनात शिक्षिका ने फर्जीवाड़ा कर उसके अभिलेखों पर नौकरी पाई है। जिसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और दो सदस्यीय टीम बनाकर जांच शुरू कर दी। हालांकि तथाकथित दीप्ति ने बीएसए विभाग में अपना इस्तीफा सौंप दिया है। बीएसए विजय सिंह ने बताया कि इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया है और जांच की जा रही है।
इस्तीफे के बाद हरकत में विभाग
दरअसल, यह शिकायत बहुत पहले ही की जा चुकी थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।अनामिका प्रकरण के खुलासे के बाद कासगंज में फर्जी शिक्षिका जेल भेजी गई तो करहल स्थित विद्यालय की शिक्षिका दीप्ति सिंह ने भी अपना इस्तीफा भेज दिया। इस खुलासे के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। पहले अनामिका शुक्ला और अब दीप्ति सिंह चर्चा का विषय बनी हुई हैं।