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Swati Maliwal Case : विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, जो धाराएं लगी हैं उसमें इतनी सजा का है प्रावधान

Swati Maliwal Case : दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोप में पुलिस ने आज ही विभव कुमार को अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास से गिरफ्तार किया है।

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोप में गिरफ्तार विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि आरोपी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है इसलिए इस पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं बनता। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम विभव कुमार को आज ही सीएम हाउस से गिरफ्तार किया है। विभव कुमार पर आईपीसी की धारा 308, 354B, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया गया है। हम आपको बताते हैं कि इन धाराओं का क्या मतलब है और अधिकतम कितनी सजा का प्रावधान है।

आईपीसी की धारा-308 गैर इरादतन हत्या के लिए दर्ज की जाती है। इसके मुताबिक जो कोई भी जब अचानक किसी परिस्थिति में किसी पर हमला कर दे जिसमें सामने वाले की मृत्यु हो सकती है तो वहां धारा-308 के तहत कार्रवाई की जाती है। धारा 308 के आरोपी को सात साल की सजा और जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है। दूसरी धारा है आईपीसी की 354B, ये धारा किसी आरोपी पर तब लगाई जाती है जब कोई बल का उपयोग करते हुए किसी महिला को निर्वस्त्र कर दे मतलब यदि महिला के कपड़े फट जाएं। इसमें आरोपी को तीन से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

तीसरी धारा जो विभव पर लगी है वो है आईपीसी की धारा 506, इसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण से किसी दूसरे इंसान को जीवन, संपत्ति या परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है तो उस पर यह लागू होती है। इसमें आरोपी को दो साल जेल की सजा या सजा के साथ जुर्माना भी हो सकता है। धारा 509 के तहत कोई भी व्यक्ति किसी महिला के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग करता है या अश्लील इशारे करता है या स्त्री की लज्जा को भंग करने की कोशिश करता है तो इसके तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें आरोपी को अधिकतम तीन साल की सजा या सजा के साथ आर्थिक दंड लगाया जा सकता है।