newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ram Bhakt In Ayodhya Pran Pratishtha: ‘हम राम जी के साले हैं…इसलिए निराले हैं…’, सीतामढ़ी से आए रामभक्त का देखिए इस Video में उत्साह

Ram Bhakt In Ayodhya Pran Pratishtha: टुनटुन जी महाराज के अलावा तमाम संत भी अयोध्या में पिछले काफी दिनों से हैं। उनके अलावा भगवा वस्त्र पहने भगवान राम के भक्त भी बड़ी तादाद में अयोध्या पहुंचे हैं। ये भक्त नाच-गाकर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशियां सभी से बांट रहे हैं।

अयोध्या। भगवान रामलला आज 500 साल बाद अपने भव्य मंदिर में स्थापित हो चुके हैं। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देश और दुनिया से तमाम रामभक्त अयोध्या पहुंच चुके हैं। जगह-जगह भक्त राम के भजन गाकर और नाचकर अपनी खुशी जता रहे हैं। भगवान राम के इन्हीं अनन्य भक्तों में बिहार के सीतामढ़ी से आए टुनटुन जी महाराज भी हैं। अपने अजब-गजब रूप, चेहरे पर पोती मिट्टी, हाथ में शंख और डमरू लिए टुनटुन जी महाराज पैरों में बंधे घुंघरू को बजाकर नाचते हुए खुशी मनाते अयोध्या में लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। टुनटुन जी महाराज माता सीता के जन्मस्थल माने जाने वाले सीतामढ़ी से हैं। इस वजह से वो खुद को भगवान राम का साला बताते हैं। क्या कहते दिखे टुनटुन जी महाराज, ये आप भी देखिए।

टुनटुन जी महाराज के अलावा तमाम संत भी अयोध्या में पिछले काफी दिनों से हैं। उनके अलावा भगवा वस्त्र पहने भगवान राम के भक्त भी बड़ी तादाद में अयोध्या पहुंचे हैं। आज प्राण प्रतिष्ठा में विशिष्ट अतिथियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन इससे अयोध्या पहुंचे रामभक्तों को कोई दिक्कत नहीं है। वे नाच और गाकर भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में खुशी मना रहे हैं। अयोध्या पूरी तरह भगवामय है। देखिए किस तरह राम मंदिर के बाहर भक्तों ने भगवान का मंदिर दोबारा बन जाने और उसमें प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपना उत्साह दिखाया।

राम मंदिर का आंदोलन लंबा चला। बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद भगवान रामलला पहले टेंट में जाड़ा, गरमी और बारिश में रहे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रामलला को अस्थायी मंदिर में रखा गया। अब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराज रहे हैं। भगवान के भक्तों को अब कल यानी 23 जनवरी से इस भव्य मंदिर में रामलला के नए और पुराने विग्रहों के दर्शन होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसी व्यवस्था की है, ताकि हर रोज लाखों की संख्या में रामलला के भक्त उनके दर्शन कर कृतार्थ हो सकें। मंदिर में 4 द्वार हैं। इनमें से पूर्वी द्वार से सभी को प्रवेश दिया जाएगा। फिर दक्षिण के द्वार से भक्त दर्शन के बाद बाहर जा सकेंगे।