नई दिल्ली। 11 सितंबर को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसे लेकर वो राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और वहां उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस मौके पर उनके साथ गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल भी राज्यपाल से मुलाकात करने गए थे। मुलाकात के बाद रुपाणी ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। विजय रुपाणी ने अपना इस्तीफा देने के बाद कहा था, ‘अपने पद से इस्तीफा देकर वो संगठन में काम करना चाहते हैं। उन्होंने भाजपा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, मुझे भाजपा ने एक कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन अब गुजरात का विकास नए नेतृत्व में हो।’
प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बात
मेरे कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी का विशेष मार्गदर्शन मिलता रहा, गुजरात के विकास की यात्रा में पिछले 5 सालों में मुझे भी योगदान का मौका लिए इसके मैं पीएम मोदी के प्रति आभार प्रकट करता हूं। नए नेतृत्व के साथ अब विकास को गति मिले इसके लिए मैंने गुजरात सीएम के पद से इस्तीफा दिया है। भाजपा की यह परंपरा रही है कि संगठन में कार्यकर्ताओं के रोल बदलते रहते हैं। आगे मुझे जो भी जिम्मा मिलेगा, उसका पूरा दायित्व और पूरी ऊर्जा के साथ काम करता रहूंगा।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से अचानक दिए इस्तीफे के बाद से सभी इसे लेकर हैरानी में हैं कि आखिर उन्होंने किस कारण ये इस्तीफा दिया। वहीं अब उनके इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने कोरोना कहर में सही ढंग से चीजों को संभाल न पाने के कारण पद से इस्तीफा दिया है। बता दें, आज 11 सितंबर को रुपाणी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। जहां उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की। इस मौके पर उनके साथ गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल भी राज्यपाल से मुलाकात करने गए थे। मुलाकात के बाद रुपाणी ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। बता दें कि गुजरात में अगले साल दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले रूपाणी की इस्तीफा दिया जाना गुजरात में एक बड़ा सियासी बवंडर ला सकता है।
गुजरात में भाजपा
वहीं गुजरात में भाजपा के कार्यकाल पर गौर करें तो कुछ सालों को छोड़कर साल 1995 से ही गुजरात में ज्यादतर बीजेपी की सरकार रही है। जिसमें सबसे अधिक नरेंद्र मोदी(2014 तक) मुख्यमंत्री रहे हैं। रुपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात भाजपा पर नए नेतृत्व को लेकर जिम्मेदारी होगी।