लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पराली प्रबंधन की ट्रेनिंग देने की है। राज्य के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों को राज्य में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया है, जिसमें उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है जहां पिछले साल सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं।
उन्होंने अधिकारियों से पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान और पराली प्रबंधन से होने वाले फायदों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा है।
उन्होंने कहा, “नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों को भी एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट गाइड और अन्य गैर सरकारी संगठनों की मदद से पराली प्रबंधन में उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।”
यह बताया गया कि पिछले साल उन्नाव जिले में ‘पराली दो, खाद लो’ अभियान सफलतापूर्वक शुरू किया गया था और इस साल पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान को शुरू करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
मुख्य सचिव ने कहा कि गत वर्ष के अच्छे परिणामों को देखते हुए कचरा सड़ने की प्रथा को भी बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने अधिकारियों से मनरेगा के तहत किसानों के खेतों के कोने-कोने में खाद के लिए गड्ढे खोदने के बारे में विचार करने के लिए कहा गया है।