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Tussle Between Omar Abdullah And Mehbooba Mufti : उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग, जानिए क्या है मामला

Tussle Between Omar Abdullah And Mehbooba Mufti : सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तुलबुल नेविगेशन परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। महबूबा मुफ्ती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पानी जैसी आवश्यक और जीवन देने वाली चीज़ को हथियार बनाना अमानवीय है। इसके जवाब में उमर ने महबूबा पर सस्ती लोकप्रियता पाने और सीमा पार बैठे कुछ लोगों को खुश करने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग छिड़ गई है। दरअसल सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तुलबुल नेविगेशन परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। इसी पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पानी जैसी आवश्यक और जीवन देने वाली चीज़ को हथियार बनाना न केवल अमानवीय है, बल्कि द्विपक्षीय मामले को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का जोखिम भी है। इस पर पलटवार करते हुए उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती पर सस्ती लोकप्रियता पाने और सीमा पार बैठे कुछ लोगों को खुश करने का आरोप लगाया।

उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, आप जो सिविल कार्य देख रहे हैं, वह तुलबुल नेविगेशन बैराज है। इसे 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया था, लेकिन सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए पाकिस्तान के दबाव में इसे छोड़ना पड़ा। अब जब सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है, तो मुझे उम्मीद है कि क्या हम इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे। इससे डाउनस्ट्रीम बिजली परियोजनाओं के बिजली उत्पादन में भी सुधार होगा, खासकर सर्दियों में।

इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का तुलबुल नेविगेशन परियोजना को पुनर्जीवित करने का आह्वान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में जब दोनों देश पूर्ण युद्ध के कगार से वापस लौटे हैं इस तरह के बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं, बल्कि खतरनाक रूप से भड़काऊ भी हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने लिखा, वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि सस्ती लोकप्रियता पाने और सीमा पार बैठे कुछ लोगों को खुश करने की अपनी अंधी लालसा के साथ, आप यह स्वीकार करने से इनकार करती हैं कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के साथ सबसे बड़ा ऐतिहासिक विश्वासघात है। मैंने हमेशा इस संधि का विरोध किया है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि समय बताएगा कि कौन किसको खुश करना चाहता है। इस पर फिर उमर ने जवाब दिया कि आप जिस किसी के भी हितों की वकालत करना चाहती हैं, करती रहें। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों की वकालत करता रहूंगा ताकि हम अपनी नदियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकें। मैं पानी को रोकने वाला नहीं हूं, बस अपने लिए इसका ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करूंगा।