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War Of Words On One Nation, One Election: वन नेशन, वन इलेक्शन पर विपक्ष और सरकार के बीच बयानों की जंग, जानिए कैसे हुआ वार-पलटवार

War Of Words On One Nation, One Election: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रस्ताव पास होते ही राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष जहां हमलावर है। वहीं, मोदी सरकार और बीजेपी ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर पलटवार करने में देरी नहीं की।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रस्ताव पास होते ही राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी दल सरकार की तरफ से वन नेशन, वन इलेक्शन संबंधी बिल लाए जाने के खिलाफ पहले से ही थे। अब मोदी कैबिनेट के प्रस्ताव पास करते ही विपक्षी दलों ने बयानों की बयार लगा दी है। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष पर पलटवार किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि हम वन नेशन, वन इलेक्शन के पक्ष में नहीं हैं। खरगे ने कहा कि इस तरह के चुनाव लोकतंत्र में काम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर हम अपना लोकतंत्र बचाना चाहते हैं, तो जहां चुनाव की जरूरत है, वहां होना चाहिए।

वहीं, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मोदी सरकार के पास इतने सांसद नहीं हैं कि वो संसद से वन नेशन, वन इलेक्शन का बिल पास करा सके। डोटासरा ने कहा कि अपनी नाकामियों की तरफ से ध्यान हटाने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पास किया गया, लेकिन क्या इसे लागू किया गया। उन्होंने वन नेशन, वन इलेक्शन को प्रोपागेंडा बताया। हालांकि, देखने वाली बात ये है कि डोटासरा शायद भूल गए कि महिला आरक्षण कानून 2026 से लागू होने वाला है। वहीं, मोदी सरकार के पास एनडीए गठबंधन के साथियों समेत लोकसभा में बहुमत है और राज्यसभा में भी मनोनीत सदस्यों और एनडीए गठबंधन के साथ मोदी सरकार बहुमत के काफी करीब है।

सीपीआई के नेता डी. राजा ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर क्या कहा ये भी देखिए।

एआईएमआईएम के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध किया है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने वन नेशन, वन इलेक्शन का हमेशा विरोध किया। ओवैसी ने कहा कि ये संघवाद को खत्म करने वाला और लोकतंत्र से समझौता करने वाला कदम है। उन्होंने इसे संविधान की मूल भावना से भी जोड़ा। ओवैसी का कहना है कि पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा अलग-अलग चुनाव किसी के लिए समस्या नहीं है।

वहीं, केंद्रीय रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन पर शायद विपक्ष शायद आंतरिक दबाव का सामना कर रहा है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन के समर्थन में 80 फीसदी लोगों ने राय दी। खासकर युवा वन नेशन, वन इलेक्शन के पक्ष में बड़ी संख्या में हैं।

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रस्ताव पास करने पर पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए ये बयान दिया।

वन नेशन, वन इलेक्शन पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने क्या कहा, वो भी सुन लीजिए।

वन नेशन, वन इलेक्शन संबंधी बिल मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में लाने की तैयारी कर रही है। वन नेशन, वन इलेक्शन संबंधी सिफारिशें देने के लिए मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने इस साल मार्च में अपनी रिपोर्ट दी थी। इस रिपोर्ट को मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।