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Video: ‘हम आतंकियों को टारगेट करते हैं और वो मोदी को टारगेट करते हैं’, गुजरात में प्रधानमंत्री ने लगाई कांग्रेस की क्लास

ध्यान रहे कि पीएम मोदी ने उपरोक्त भाषण गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान दिया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने मुख्तलिफ मसलों का जिक्र कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। विदित हो कि गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने हैं।

नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रचार का सिलसिला शुरू हो चुका है। बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य दलों के सियासी सूरमा सूबे की जनता को रिझाने की दिशा में चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। कोई अपनी खूबियों के सहारे जनता को अपने पाले में करने में जुट चुका है, तो कोई दूसरी खामियों का सहारा लेकर अपने लिए सियासी जमीन तैयार करने में जुट चुका है। अब इसी बीच पीएम मोदी गुजरात में चुनाव प्रचार करने पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री ने मुख्तलिफ मसलों का सहारा विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। तो वहीं अपनी सरकार की उपलब्धियों से भी आम जनता को वाकिफ कराया। आइए , आगे कि रिपोर्ट में आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है…

आपको बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने आज से 14 साल पहले मुंबई में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी ने गुजरात में हुए सीरिलय बम ब्लास्ट का भी जिक्र किया । उन्होंने गुजरात भी लंबे समय तक आतंकियों का दंश झेल रहा है। लेकिन अहमदाबाद कोर्ट ने इन आतंकियों को कड़ी सजा दी है। गुजरात सरकार ने आतंकियों को खत्म करने की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किए। गुजरात कोर्ट ने आतंकियों की सजा दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि उन दिनों को कभी नहीं भुलाया जा सकता है , जब हमने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, तो दिल्ली में बैठी कांग्रेस आतंकियों को छुड़ाने में जीजान लगा चुकी थी। जहां एक तरफ आतंकियों को निशाने पर ले रही थी, लेकिन कांग्रेस वाले कहते थे कि आतंकियों को नहीं, बल्कि मोदी को टारगेट करे।

यहां सुनिए पीएम मोदी का भाषण

ध्यान रहे कि पीएम मोदी ने उपरोक्त भाषण गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान दिया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने मुख्तलिफ मसलों का जिक्र कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। विदित हो कि गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण के चुनाव एक दिसंबर और दूसरे चरण के चुनाव पांच दिसंबर और नतीजों की घोषणा आगामी सात दिसंबर को होगी। वहीं, सूबे के सियासी फिजा को अपने पक्ष में करने के लिए अभी से ही मुख्तलिफ सियासी दलों के सूरमाओं की सक्रियता अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में प्रदेश की सियासी स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।