नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को OBC आरक्षण दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जैसे ही ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सीधे शब्दों में इस आरक्षण को गलत करार देते हुए 2010 के बाद दिए गए इस प्रकार के सभी OBC आरक्षण सर्टिफिकेट को निरस्त करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। इसके बाद ममता बनर्जी ने कोर्ट के इस आदेश को मानने से साफ़ तौर पर इनकार कर दिया। ममता के इस बयान पर बीजेपी और TMC में भी सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
गुरूवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया। गृहमंत्री शाह ने कहा, “इस मामले के तार वहां से जुड़े हुए हैं जब ममता ने बिन की पिछड़ेपन के सर्वे प्रक्रिया के 118 मुस्लिम जातियों को OBC दर्जे के तहत आरक्षण दे दिया। इसके बाद ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने 2014 से 2024 तक जितने भी सर्टिफिकेट जारी किए गए थे, सभी को निरस्त करने का आदेश दे दिया।‘’
#WATCH | On Calcutta High Court cancelling all OBC certificates issued in West Bengal after 2010, Union Home Minister Amit Shah says “Mamata Banerjee gave OBC reservation to 118 Muslim castes without any survey. Someone went to the court, the court took cognizance of this and all… pic.twitter.com/cJPLmedfkh
— ANI (@ANI) May 22, 2024
गृहमंत्री शाह ने कहा कि ममता बनर्जी पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर डाका डालकर मुस्लिमों को अपने फायदे के लिए दे रही है। हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अमित शाह ने कहा कि, “मैं पश्चिम बंगाल की जनता से ये सवाल करना चाहता हूं कि क्या कोई मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति ऐसा हो सकता है जो हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करे। न जाने किस प्रकार की मानसिकता से पश्चिम बंगाल का लोकतंत्र गुजर रहा है। शाह ने कहा, “सरकार सुनिश्चित करेगी कि राज्य में हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान हो, जिन्हें आरक्षण की जरूरत है उन्हें ही मिले, न कि उन्हें जिनको वोट बैंक के लिए ममता दीदी की सरकार दे रही है। जो पिछड़े नहीं हैं उन्हें आरक्षण क्यों मिले?