
नई दिल्ली। बीजेपी ने फैसला किया है कि वह विपक्ष के गठबंधन को इंडिया नाम से नहीं, बल्कि यूपीए नाम से ही बुलाएगा। बीजेपी का कहना है कि यूपीए ने अपने पुराने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए अपना नाम बदला है, ताकि उनके बारे में खुलकर ना बोला जा सकें, लेकिन आज बैठक में फैसला किया गया है कि विपक्ष को उसके पुराने नाम यूपीए कहकर ही बुलाया जाएगा। इस बात की पुष्टि बीजेपी की ओर से की गई है। ध्यान दें कि आज जब केंद्रीय गृह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधने के क्रम में सबसे ज्यादा बार यूपीए नाम का ही जिक्र किया। उन्होंने इंडिया नाम लेने से गुरेज किया था। तभी से ही सियासी गलियारों में मुख्तलिफ किस्म की चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
ध्यान दें कि बीते दिनों बेंगलुरू बैठक में विपक्षी दलों ने अपना नाम यूपीए की जगह इंडिया रखने का फैसला किया था। विपक्ष ने इंडिया नाम बहुत सोच समझकर रखा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस नाम का सुझाव दिया था। जिस पर दीर्घ चिंतन-मंथन के बाद सहमति की मुहर लगाई गई थी। लेकिन, बीजेपी ने विपक्ष के इस नाम पर जोरदार प्रहार किए। प्रधानमंत्री ने इंडिया नाम की तुलना इस्ट इंडिया कंपनी, पीएफआई और इंडियन मुजाहिदीन से की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि इन लोगों ने भी हमारे देश को इंडिया के नाम से ही लूटा था। हालांकि, पीएम मोदी द्वारा किए गए इन प्रहारों का कांग्रेस की ओर से भी माकूल जवाब दिया जा रहा है, लेकिन अब जिस तरह से बीजेपी ने फैसला किया है कि यूपीए को इंडिया नाम से बुलाया जाएगा, उसके बाद से सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
बता दें कि बेंगलुरु से पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव की रूपरेखा के बारे में विस्तार से चर्चा हुई थी। वहीं, अब अगली बैठक मुंबई में आगामी 25 और 26 अगस्त को बुलाई गई है। खबर है कि इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव सीटों के आवंटन सहित संयोजक को लेकर चर्चा हो सकती है।