
नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के झगड़े में कांग्रेस ने एक लंबी जद्दोजहद के बाद शायद सुलह करा ली है। लेकिन इसके बाद भी सचिन पायलट का रुख ज्यादा नरम नजर आ रहा है। एक बार फिर उन मुद्दों को लेकर उन्होंने सुलह के कुछ ही घंटों बाद सचिन पायलट ने अपने मुद्दों के लिए आवाज को उठाते रहने की बात कही है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वो अपनी बात पर बने रहेंगे, अपनी मांगो को पूरा करने के लिए सरकार के आगे लगातार आवाज उठाने का काम भी वो करेंगे। उन्होंने इससे पहले जान संघर्ष यात्रा के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अल्टीमेटम दिया था। सचिन ने कहा, मैंने तो हमेशा से ही राज्य के छात्रों और नौजवानों के लिए संघर्ष किया है, हमारे जैसे लोग अगर युवाओं के मुद्दों को नहीं उठाएंगे तो फिर कौन उठाएगा, और फिर ऐसे तो उनकी सरकार से उम्मीद ही खत्म हो जाएगी।
इसके साथ ही सचिन पायलट ने ये भी कहा, कि चाहे वो पेपर लीक की बात हो या फिर नौकरी से जुडी कोई बात ही क्यों न हो, यदि हम इन मुद्दों को नहीं उठाएंगे तो फिर कौन उठाएगा। ऐसे फिर युवा अपने ही द्वारा चुनी गई सरकार पर भरोसा नहीं कर पाएंगे। पायलट ने ये भी कहा कि मैं समझता हूं, कोई भी दल हो, किसी की भी सरकार हो, नौजवान हमारी सबसे पहले प्राथमिकता होने चाहिए, उनकी बात होनी ही चाहिए। उनके लिए हम क्या कर सकते है, जिनके साथ नाइंसाफी हो रही है, जिनकी राज्य के भीतर अनदेखी हो रही है, जिनके साथ प्रदेश के भीतर पक्षपात हो रहा है फिर भी अगर कोई उन्हें ना देखे तो ये हमको बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि चाहे जो जो भी हो जाए, आपको मुझसे और मुझसे आपको कोई अलग नहीं कर सकता है। ये चुनावी मौसम है, हाइवे से इस दौरान कुछ लोग आ रहे हैं, कुछ लोग जा रहे हैं। किसी को लेकिन इन सब बातों से गलतफहमी पालने की जरूरत नहीं है। हमारा जिला छोटा सा है, इसमें भी तमाम दौरों की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन हमारा साथ किसी के गलतफ़हमी के अनुरूप नहीं बल्कि अटूट है।