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What Are The Moidams of Assam In Hindi? : क्या हैं असम के मोइदम्स? यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में किया है शामिल, जानिए इसकी विशेषता

What Are The Moidams of Assam In Hindi? : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के लिए अत्यंत खुशी और गर्व की बात बताया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस उपलब्धि के लिए पीएम मोदी और यूनेस्को की टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मोइदम्स की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता असम और अहोम के महान इतिहास को वैश्विक मंच पर ले जाएगा।

नई दिल्ली। भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के चराईदेव में स्थित मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। दिल्ली में आयोजित विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की बैठक में ये घोषणा की गई। इससे पहले भारत ने 2023-24 में मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए नामांकित किया था। इस प्रतिष्ठित लिस्ट में जगह पाने वाली यह पूर्वोत्तर की पहली संपत्ति बन गई है।

मोइदम्स का इतिहास और विशेषता
ताई-अहोम राजवंश के लोग अपने समुदाय के लोगों को उनकी मृत्यु के बाद उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ टीले नुमा पिरामिड जैसी संरचना में दफन कर देते थे, उसे ही मोइदम्स कहते हैं। मोइदम्स का इतिहास 600 साल पुराना है। ताई-अहोम राजवंश ने असम में लगभग 600 साल तक शासन किया था। मोइदम्स मिट्टी के बने हुए अर्द्धगोलाकार और ज्यादातर दो मंजिला होते हैं जिनको विशेष प्रकार से तैयार किया जाता था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के लिए अत्यंत खुशी और गर्व की बात बताया। पीएम ने कहा कि चराइदेव में मोइदम्स गौरवशाली अहोम संस्कृति का प्रतीक हैं, जो पूर्वजों के प्रति उनकी अत्यधिक श्रद्धा को दर्शाता है। मुझे आशा है कि अब और अधिक लोग महान अहोम शासन और संस्कृति के बारे में सीखेंगे।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनेस्को टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मोइदम्स की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता असम और अहोम के महान इतिहास को वैश्विक मंच पर ले जाएगा। इसी के साथ सीएम ने पीएम से मोइदम्स की यात्रा करने और उनकी अवास्तविक दिव्यता और सुंदरता का अनुभव करने का अनुरोध किया।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अहोम राजवंश की टीला-दफन प्रणाली-मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किए जाने को भारत के लिए गर्व का क्षण करार दिया है। असम के चराइदेव में शाही दफन टीले अहोम राजवंश के राजाओं और रानियों की यादें संजोए हैं। यह राजवंश विशाल मुगल सेना को कई बार परास्त करने के लिए जाना जाता है। यह शिलालेख असम के इतिहास को वैश्विक प्रसिद्धि दिलाएगा।