
मुंबई। रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने एटीएम इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक वित्तीय लेन-देन पर एटीएम इंटरचेंज फीस में 2 रुपए और गैर वित्तीय लेन-देन पर एटीएम इंटरचेंज फीस में 1 रुपए की बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। एटीएम इंटरचेंज फीस में ये बढ़ोतरी 1 मई 2025 से लागू होगी। आरबीआई के इस फैसले से कम एटीएम वाले छोटे बैंकों पर बड़ा असर पड़ने के आसार हैं। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया है कि बैंकों ने अभी ये तय नहीं किया है कि अपने उपभोक्ताओं तक बढ़ी एटीएम इंटरचेंज फीस का बोझ डालना है या नहीं, लेकिन बीते 10 साल में जब भी एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाई गई, तो उपभोक्ताओं पर ही इसका बोझ डाला गया।
एटीएम इंटरचेंज फीस वो राशि है, जो एटीएम सेवा के लिए एक बैंक किसी दूसरे बैंक को देता है। आमतौर पर एटीएम इंटरचेंज फीस लेन-देन का एक प्रतिशत होता है और बैंक में खाता रखने वाले को चुकाना होता है। इससे पहले आरबीआई ने एटीएम इंटरचेंज फीस जून 2021 में बढ़ाई थी। वित्तीय लेन-देन यानी एटीएम से कैश निकालने पर पहले एटीएम इंटरचेंज फीस 17 रुपए पड़ रही थी। अब ये 19 रुपए होगी। वहीं, गैर वित्तीय लेन-देन मसलन बैलेंस इन्क्वायरी वगैरा के लिए अब 6 की जगह 7 रुपए एटीएम इंटरचेंज फीस लगेगी। सूत्र ने अखबार को बताया कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने 13 मार्च 2025 को बैंकों और अन्य हितधारकों को इंटरचेंज फीस बढ़ाने के बारे में जानकारी दे दी थी।
एनपीसीआई ने ही आरबीआई से आग्रह किया था कि वो एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाए। व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर भी आग्रह करते रहे हैं कि आरबीआई एटीएम इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी करे। ऐसे एटीएम ऑपरेटरों का कहना है कि मौजूदा इंटरचेंज फीस से उनको अपना कामकाज चलाने में वित्तीय दिक्कत आ रही है। फिलहाल, मेट्रो शहरों में बैंक में खाता होने पर हर महीने अन्य बैंक के एटीएम से 5 बार मुफ्त लेन-देन किया जा सकता है। जबकि, गैर मेट्रो शहरों में अन्य बैंक के एटीएम से 3 बार लेन-देन संभव है। एक अन्य बैक अधिकारी ने अखबार को बताया कि एटीएम इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी से छोटे बैंकों को अन्य बैंकों को ज्यादा रकम चुकानी होगी। ऐसे में कम एटीएम वाले बैंकों के उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ने की काफी संभावना है।