
नई दिल्ली। साल 2020 में भारत सहित दुनियाभर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने हड़कंप मचाया। अभी हम इस महामारी के कहर से उबर नहीं नहीं पाए थे कि एक बार फिर कोविड जैसे लक्षणों वाला बुखार (इन्फ्लूएंजा) पूरे भारत में तेजी से बढ़ रहा है। कई लोगों में इसको लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले दो महीनों में भारत के कई हिस्सों में बुखार और खांसी के ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जो लंबे समय ठीक नहीं हो रहे हैं। कोविड महामारी के दो साल बीतने के बाद, इस नई बीमारी ने आम जनता के बीच एक डर का माहौल खड़ा कर दिया है।
आपको बता दें कि इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लोगों को सतर्क किया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण ‘इन्फ्लुएंजा ए’ का सब-वेरिएंट ‘एच3एन2’ है। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले दो-तीन महीने से व्यापक रूप से व्याप्त एच3एन2 अन्य सब-वेरिएंट की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है। आईसीएमआर ‘वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज नेटवर्क’ के माध्यम से श्वसन वायरस के कारण होने वाली बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने वायरस से लोगों को बचाने के लिए एक सूची जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या बिल्कुल नहीं करना है।
गौरतलब है कि ICMR की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि नए बुखार के लक्षण खाँसी हैं- जी मिचलाना उल्टी करना गला खराब होना शरीर में दर्द दस्त अगर आपको ऊपर दिए गए कोई लक्षण हैं तो क्या करें और क्या न करें, अपने हाथों को पानी और साबुन से धोएं नियमित रूप से धोएं। फेस मास्क पहनें और भीड़ भरी जगहों में जाने से बचें। अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें। खांसी और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ठीक से कवर करें। हाइड्रेटेड रहें और बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करें। बुखार और सिर दर्द के मामले में, पेरासिटामोल लें। हाथ मिलाने से बचें। सार्वजनिक जगहों पर न थूकें। खुद से दवाई न लें- एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य दवाओं को केवल एक डॉक्टर से परामर्श करने के बाद लिया जाना चाहिए। दूसरों के करीब बैठकर न खाएं। दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (एमआईए) ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर चेताया है।