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What Is Sickle Cell Anemia Disease In Hindi? : क्या होती है सिकल सेल एनीमिया की बीमारी? जिससे परेशान है आदिवासी समाज, पीएम नरेंद्र मोदी ने जमुई रैली में किया जिक्र

What Is Sickle Cell Anemia Disease In Hindi? : मोदी बोले, आदिवासी समाज के लिए सिकल सेल एनीमिया की बीमारी एक बड़ी चुनौती रही है। हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया है और इसे शुरू हुए एक साल हो चुका है। इस दौरान करीब साढ़े चार करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हुई है। दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित की जा रही है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड के जमुई में लोगों को संबोधित करते हुए सिकल सेल एनीमिया बीमारी का नाम लिया। मोदी बोले, पढ़ाई और कमाई का लाभ तब ही मिल पाता है जब परिवार स्वस्थ रहे। आदिवासी समाज के लिए सिकल सेल एनीमिया की बीमारी एक बड़ी चुनौती रही है। हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया है और इसे शुरू हुए एक साल हो चुका है। इस दौरान करीब साढ़े चार करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग हुई है। आदिवासी परिवारों को इलाज के लिए ज्यादा दूर जाना ना पड़े इसके लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जा रहे हैं। दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित की जा रही है।

सिकल सेल एनीमिया के बारे में

सिकल सेल एनीमिया व्यक्ति के खून से में होने वाली एक वंशानुगत बीमारी है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य हो जाती हैं और जल्दी मर जाती हैं। इस कारण से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण शरीर के दूसरे अंगों में इसका प्रभाव पड़ता है और इससे फेफड़े, हृदय, गुर्दे, आंखें, हड्डियां आदि अन्य अंग भी प्रभावित हो जाते हैं। ज्यादा गंभीर होने पर इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। आदिवासी समाज के लोगों में यह बीमारी बहुत कॉमन है।

लक्षण और बचाव

सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में सूजन, दर्द, पित्ताशय में पथरी, बुखार या जुकाम का बार-बार होना, लीवर पर सूजन आना, बच्चों का सही तरीके से विकास न हो पाना आदि प्रमुख लक्षण हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को इंफेक्शन का खतरा रहता है क्योंकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है। चूंकि सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक रोग है इसलिए अगर पति-पत्नी दोनों सिकल रोग से ग्रस्त हैं तो उनकी संतान में 100 प्रतिशत से बीमारी होगी। इसलिए बेहतर है कि शादी से पहले इसका टेस्ट करा लेना चाहिए। इससे पीड़ित लोगों को ज्यादा गर्मी या धूप से बचना चाहिए। इसके साथ ही ज्यादा ठंड से बचाव करना चाहिए।