newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Budget 2024: बजट 2024 से पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन से लेकर 80सी तक की जमकर हुई चर्चा, जानिए इनका नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग से कनेक्शन

Budget 2024: आम लोगों में देखें, तो टैक्स के दायरे में सबसे ज्यादा नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग ही आता है। इसकी बड़ी वजह ये है कि बेसिक टैक्स छूट की सीमा 3 लाख ही रखी गई है। एक अनुमान के मुताबिक साढ़े 5 लाख से 15 लाख रुपए सालाना आय करने वाले सबसे ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बजट पेश किए जाने से पहले नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग को लेकर तमाम चर्चाएं रहीं। चर्चा इसकी कि वित्त मंत्री अपने बजट में नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग को और राहत देने वाली हैं या नहीं। दरअसल, आम लोगों में देखें, तो टैक्स के दायरे में सबसे ज्यादा नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग ही आता है। इसकी बड़ी वजह ये है कि बेसिक टैक्स छूट की सीमा 3 लाख ही रखी गई है। एक अनुमान के मुताबिक साढ़े 5 लाख से 15 लाख रुपए सालाना आय करने वाले सबसे ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं।

govt employees

अगर नौकरीपेशा और पेंशनर की बात करें, तो उनको अब तक स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी मानक कटौती के तहत 50000 रुपए सालाना की छूट मिलती है। ये सीमा मोदी सरकार ने 2019 में तय की थी। इससे पहले मोदी सरकार ने 2018 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40000 रुपए कर दिया था। नौकरीपेशा और पेंशनरों की उम्मीद बढ़ाने वाली चर्चा आम रही कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बढ़ाकर 1 लाख रुपए सालाना तक कर सकती हैं। वहीं, इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट की सीमा बढ़ाए जाने की चर्चा भी रही है।

indian currency notes

इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत अगर कोई अब तक 1.5 लाख रुपए सालाना पीपीएफ या एनएससी में जमा करता है, तो उतनी राशि पर टैक्स छूट हासिल कर सकता है। लंबे समय से ये मांग की जा रही है कि इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत इस छूट को 1.5 लाख रुपए सालाना से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया जाए। इससे सरकार को भी लंबे वक्त के लिए धन हासिल होगा और नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग की भी कुछ बचत हो जाएगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन और धारा 80सी के अलावा ये चर्चा भी खूब रही कि इनकम टैक्स बेसिक छूट को 3 की जगह 5 लाख किया जा सकता है। साथ ही टैक्स स्लैब में बदलाव की भी चर्चा ने बजट से पहले जोर पकड़े रखा।