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What Is Shankaracharya Hill: शंकराचार्य हिल का आखिर क्या महत्व है कि पीएम मोदी ने श्रीनगर पहुंचने पर सबसे पहले उसके दर्शन कर हाथ जोड़े

What Is Shankaracharya Hill: इस यात्रा का महत्व इस बात में है कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाशिवरात्रि से एक दिन पहले शंकराचार्य हिल का दौरा किया। ज्योतिषियों के मुताबिक यह एक शुभ संकेत है। यह मंदिर लगभग 300 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने इस ऊंची पहाड़ी पर तपस्या की थी। उसके बाद उन्होंने न केवल कश्मीर में बल्कि पूरे भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित किया।

नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। इस दौरे के दौरान उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने राजसी शंकराचार्य पहाड़ी का दौरा किया। उन्होंने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें उल्लेख किया गया कि उन्हें श्रीनगर पहुंचने के तुरंत बाद दूर से शंकराचार्य हिल को देखने का अवसर मिला। श्रीनगर के पास स्थित शंकराचार्य हिल एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। इसमें एक शिव मंदिर है और इसे शंकराचार्य हिल्स के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

इस यात्रा का महत्व इस बात में है कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाशिवरात्रि से एक दिन पहले शंकराचार्य हिल का दौरा किया। ज्योतिषियों के मुताबिक यह एक शुभ संकेत है। यह मंदिर लगभग 300 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने इस ऊंची पहाड़ी पर तपस्या की थी। उसके बाद उन्होंने न केवल कश्मीर में बल्कि पूरे भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित किया।

शंकराचार्य मंदिर को ज्येष्ठेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू मंदिर श्रीनगर के पास ज़बरवान रेंज में शंकराचार्य पहाड़ी पर ऊंचाई पर स्थित है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में केंद्रीय रूप से संरक्षित है।