नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा को लेकर जोरदार निशाना साधते हुए तमाम बातें कहीं हैं। उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुका है। चिदंबरम ने स्थिति को संभालने में विफलता के लिए मणिपुर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसकी आलोचना की।
चलिए मान लेते हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं।
यह मणिपुर में लगता जारी हिंसा को कैसे माफ़ करता है?
क्या घाटी में कोई कुकी बचा है? क्या चुराचंदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मेइती बचा है?
यदि रिपोर्ट सच है, तो मणिपुर…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 23, 2023
इसके साथ ही भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आरोपों की तुलना मणिपुर में लगातार हो रही क्रूरता से की और सवाल उठाया कि इस क्षेत्र में लगातार हो रही क्रूरता को कोई कैसे नजरअंदाज कर सकता है। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मान लीजिए कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं। मणिपुर में चल रही क्रूर हिंसा को कोई कैसे माफ कर सकता है? क्या घाटी में कोई ‘कुकी’ लोग बचे हैं? क्या चुराचांदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मैतेई बचा है? अगर रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए, तो मणिपुर में जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुका है।”
इस समय वहां मैतेई, कुकी, और नागा जनजाति समुदायों के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ है। कांग्रेस नेता की टिप्पणी ने मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। उन्होंने मणिपुर सरकार पर अपने नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और केंद्र और राज्य भाजपा प्रशासन दोनों से जवाबदेही की मांग की। मणिपुर में जातीय हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें विभिन्न समुदायों के बीच झड़पों के कारण भारी पीड़ा और विस्थापन होता है।