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Agriculture bill on Rajyasabha: जब राज्यसभा में मर्यादा भूले ‘आप’ सांसद संजय सिंह, उप-सभापति की कुर्सी के सामने आकर जोर-जोर से पीटने लगे ताली…

वहीं इस दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) इस बिल के विरोध में उप-सभापति की कुर्सी के सामने आकर जोर-जोर से ताली पीटने लगे और बिल का पुरजोर विरोध किया। हंगामे के दौरान सदन के मार्शल संजय सिंह को उठाकर बाहर ले जाने लगे। हालांकि अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया तो मार्शलों ने संजय सिंह को छोड़ दिया।

नई दिल्ली। सड़क पर किसान सरकार के लाए गए कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं तो वहीं इस पूरे मामले पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का विरोध भी तेज हो गया है। पहले कृषि बिल को लोकसभा में रखा गया तो वहां टीएमसी के सांसद और कांग्रेस के नेता ने इस पर हंगामा किया हालांकि तब यह बिल सदन से पास हो गया तो इस बिल को आज सदन के सामने रखा गया जहां ऐसा हंगामा हुआ कि राज्यसभा (उच्च सदन) की सारी मर्यादा तार-तार हो गई। आप नेता संजय सिंह ने तो इस मामले में हद ही पार कर दी। वह कुछ ऐसा कर बैठे कि उनको राज्यसभा में मार्शल द्वारा उठाकर बाहर किया जाने लगा हालांकि मार्शल के ऐसा करने का विरोध विपक्षी दल के नेता भी करने लगे तो संजय सिंह को छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने वेल पर आकर नारेबाजी की और उप-सभापति के पास कागज के पुर्जे उछाले। इस दौरान उप-सभापति के पास मौजूद मार्शलों ने उनको रोका तो हल्की झड़प हो गई। झड़प के दौरान ही उपसभापति के सामने वाला माइक भी टूट गया।

Agriculture Bill Rajyasabha

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन (TMC MP Derek O’Brien) ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी। डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल कांग्रेस के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसको फाड़ा।

Agriculture Bill Rajyasabha

वहीं इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह इस बिल के विरोध में उप-सभापति की कुर्सी के सामने आकर जोर-जोर से ताली पीटने लगे और बिल का पुरजोर विरोध किया। हंगामे के दौरान सदन के मार्शल संजय सिंह को उठाकर बाहर ले जाने लगे। हालांकि अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया तो मार्शलों ने संजय सिंह को छोड़ दिया।


इस पूरी घटना के वीडियो को आम आदमी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालते हुए संजय सिंह की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े लेकिन उनको यह नहीं समझ में आया कि उच्च सदन की मर्यादा को जिस तरह से तार-तार किया गया वह कहीं से उचित नहीं था।


ऐसे में राज्यसभा की मर्यादा को जैसे उप-सभापति के सामने पहुंचकर तार-तार किया गया उसको लेकर सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। राज्यसभा के सभापति इस मामले पर क्या निर्णय लेते हैं यह आगे पता चलेगा। लेकिन सदन की मर्यादा का जिस तरह से हनन हुआ है वह सच में उच्च सदन के सांसदों से कतई भरोसे लायक नहीं है।