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S Jaishankar: ‘इंदिरा गांधी ने जब मेरे पिता को….’, विदेश मंत्री जयशंकर ने बयां किया अपना वर्षों पुराना दर्द

S Jaishankar: जयशंकर ने कहा कि यह 1980 की बात है, जब इंदिरा गांधी ने मेरे पिता सुब्रमणयम को कैबिनेट सचिव के पद से हटा दिया था। दरअसल, इंदिरा नहीं चाहती थी कि मेरे पिता इस पद पर रहे। यही नहीं, मेरे पिता को पद से हटाने के बाद उनके कनिष्ठ अधिकारी को उस पद पर नियुक्त कर दिया।

नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने आज न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया। उन्होंने चीन सहित अन्य मसलों पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी उनके द्वारा दिए गए चीन पर दिए बयान को लेकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चीन के बारे में कुछ नहीं पता है, वो सिर्फ और सिर्फ देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इसके बावजूद भी राहुल गांधी यह दावा करते हैं कि उन्हें चीन सीमा विवाद के बारे में मुझसे ज्यादा जानकारी है, तो मुझे उनसे सीखने में कोई आपत्ति नहीं है। मैं हमेशा ही नई बातों की सीखने के लिए तत्पर रहता हूं। हालांकि, मैं लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा हूं और बतौर राजदूत रहते हुए मैंने चीन संग जारी सीमा विवाद को डील भी किया है, लेकिन मुझे उनसे कुछ भी नया सीखने में कोई गुरेज नहीं है। इस बीच जयशंकर ने इंदिरा गांधी का वो किस्सा भी सुनाया जब उनके पिता को जबरन मुख्य सचिव के पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर उनसे कनिष्ठ अधिकारी को नियुक्त कर दिया गया था। आइए, आपको उस किस्से के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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जयशंकर ने कहा कि यह 1980 की बात है, जब इंदिरा गांधी ने मेरे पिता सुब्रमणयम को कैबिनेट सचिव के पद से हटा दिया था। दरअसल, इंदिरा नहीं चाहती थी कि मेरे पिता इस पद पर रहे। यही नहीं, मेरे पिता को पद से हटाने के बाद उनके कनिष्ठ अधिकारी को उस पद पर नियुक्त कर दिया। जिसकी टिस हमेशा से ही मेरे पिता के दिल में रही। लेकिन, उन्होंने कभी-भी खुलकर इस बारे में बात नहीं की थी। वो सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति थे। जिसका नतीजा यह हुआ कि वो कभी कैबिनेट सचिव के पद पर नहीं रहे। वो हमेशा से ही विदेश अधिकारी बनना चाहते थे और वो एक महान कूटनीतिज्ञ भी थे। लेकिन, राजनीतिक शक्तियों ने उनके सामार्थ्य को कम करने का प्रयास किया। हालांकि, बाद में जब मेरे बड़े भाई कैबिनेट सचिव बने, तो मेरे पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने खुद अपने पिता से विदेश मामलों के बारे में बहुत कुछ सीखा है, जिसे मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकता हूं। विदेश मंत्री ने कहा कि मेरे पिताजी जनता सरकार में सबसे युवा सेक्रेटरी में से एक थे। कई अधिकारी उनसे प्रभावित हुए करते थे। लेकिन जब इंदिरा गांधी की सरकार तो मेरे पिता के प्रतिभा को दरकिनार किया गया।

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बता दें कि जयशंकर एक नौकरशादी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जयशंकर खुद 2015 से लेकर 2018 तक विदेश सचिव के पद पर रहे हैं। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्री का पदभार दिया था। इससे पहले यह पद सुषमा स्वराज के पास था। जयशंकर के पिता का निधन साल 2011 में हुआ था। उनके पिता एक महान कटूनीतिज्ञ थे। उन्हें न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन का शिल्पकार भी कहा जाता था। बता दें कि इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने चीन सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। बहरहाल, अब देखना होगा कि इस पूरे मसले पर कांग्रेस की ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम