नई दिल्ली। आजकल अदानी ग्रुप के शेयर्स और उसे मिले कर्ज का मसला गरमाया हुआ है। संसद में विपक्षी दल मोदी सरकार से चर्चा और अदानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहे हैं। इसी दौरान बजट भी पेश हुआ है। जिसे मुद्दा बनाकर राहुल गांधी ने बयान दिया कि ये बजट अमृतकाल का नहीं, मित्र का है। मित्र का बताकर उन्होंने मोदी और अदानी के रिश्तों का मुद्दा उछाला। वहीं, मोदी सरकार में मंत्री और पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी से शिकस्त देने वाली स्मृति ईरानी ने भी जोरदार पलटवार किया है।
टीवी चैनल आजतक के बजट पर आधारित प्रोग्राम में पहुंचीं स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी को तो सबसे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पर कार्रवाई करनी चाहिए। स्मृति ने कहा कि दम है, तो गहलोत पर कार्रवाई करें। गहलोत ने अदानी से 60 हजार करोड़ का हैंडशेक किया है। स्मृति ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए ये भी कहा कि यूपीए की सरकार के दौर में जब सोनिया गांधी मुखिया थीं, तो 72000 करोड़ का कर्ज अदानी ग्रुप को मिला था। स्मृति ने कहा कि अगर अदानी इतने अछूते थे, तो गहलोत आखिर उनको गले क्यों लगा रहे हैं? आपको किसी पर भरोसा नहीं है, तो अपने नेताओं से पूछिए।
स्मृति ईरानी ने ये भी कहा कि कांग्रेस के लोग अगर स्टेट बैंक (एसबीआई), रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एलआईसी की बात न मानना चाहें, तो न मानें। उनको लगता होगा कि ये तीनों सरकार की भाषा बोल रहे हैं, लेकिन मूडीज और फिच जैसी एजेंसियों की बात तो सुनें। इनका तो सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप जड़ते हुए कहा कि वो खानदान चाहता है कि भारत के लोग हमेशा डरकर रहें।