नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक पर एलएसी की गश्त भारतीय सेना कब से शुरू करेगी? पिछले कुछ दिनों से यही सवाल पूछा जा रहा है। भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक में एलएसी पर गश्त का समझौता 21 अक्टूबर को हुआ था। इसके बाद कहा गया था कि अक्टूबर के अंत तक देपसांग और डेमचोक पर एलएसी पर तैनात भारत और चीन की सेना हट जाएगी और फिर दोनों जगह भारतीय सैनिक गश्त लगाएंगे। ये गश्त बुधवार तक शुरू नहीं हुई थी। अब ताजा खबर आई है कि देपसांग और डेमचोक में भारतीय सेना कब से गश्त लगा सकती है।
जानकारी के मुताबिक देपसांग और डेमचोक में चीन और भारत ने अपने सभी अस्थायी निर्माण हटा लिए हैं। दोनों जगह का भारत और चीन एरियल सर्वे कर निर्माण हटाने की पुष्टि करने वाले हैं। ये एरियल सर्वे आज किया जा सकता है। इसके बाद 1 या 2 नवंबर से भारत और चीन के सैनिक देपसांग और डेमचोक में अपने-अपने इलाके में गश्त लगाएंगे। अभी ये तय नहीं है कि दोनों देशों की एलएसी पर ये गश्त संयुक्त रूप से होगी या नहीं। इस गश्त के शुरू होने के बाद भारत और चीन एलएसी पर 5 अन्य जगहों से सेना हटाने और वहां भी गश्त लगाने के बारे में बातचीत शुरू करेंगे।
पूर्वी लद्दाख के गलवान में 15 जून 2020 की रात चीन की सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भारतीय सेना से उसका संघर्ष हुआ था। इसमें चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। वहीं, भारत के कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद से ही भारत और चीन में जबरदस्त तनाव था। दोनों ने एक-दूसरे के सामने बड़े पैमाने पर सेना और हथियार तैनात कर दिए थे। एलएसी पर तनाव घटाने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य कमांडरों की बैठक चल रही थी। जिसके नतीजे में देपसांग और डेमचोक का मसला सुलझा है। देपसांग और डेमचोक में चीन की सेना ने 2020 से पहले ही घुसपैठ की थी। अब सिर्फ 5 इलाकों में गश्त और सेना की वापसी होनी है। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में ये काम भी पूरा हो सकता है।