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Weekly Briefing Of Ministry of External Affairs : रूसी सेना में शामिल भारतीयों की कब होगी वापसी? विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब, अमेरिका और भारत के संबंधों पर भी की बात

Weekly Briefing Of Ministry of External Affairs : म्यांमार में जारी संकट को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस मामले की समीक्षा चल रही है। जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यांमार का दौरा किया था, तो हमने इस पर चर्चा की और उस चर्चा का रीडआउट उपलब्ध कराया गया है। हम नीतिगत तौर पर म्यांमार को मानवीय सहायता भी प्रदान करते रहे हैं।

नई दिल्ली। रूसी सेना में शामिल भारतीयों की जल्द ही वतन वापसी होने की उम्मीद है। इस बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हम भारतीय नागरिकों की शीघ्र वापसी के लिए प्रयासरत हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि लगभग 50 भारतीय नागरिकों ने हमसे संपर्क किया है। जो लोग रूसी सेना से वापस आना चाहते हैं, उनके परिवार के सदस्यों ने भी हमसे मुलाकात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था, जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

वहीं भारत और अमेरिका के संबंधों के बारे में बात करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आप जानते हैं, भारत-अमेरिका साझेदारी व्यापक है। दोनों देशों के बीच रक्षा से लेकर व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार और स्टार्टअप के साथ-साथ क्वाड साझेदारी तक बहुत कुछ चल रहा है। ये सभी मामले न केवल यहां के दूतावास और विदेश मंत्रालय के बीच, बल्कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार के विभिन्न अंगों के बीच भी लगातार चर्चा में हैं। यह बहुत प्रगाढ़ और गहरा रिश्ता है और हमारा लक्ष्य इस रिश्ते को और मजबूत, गहरा और आगे बढ़ाना है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर जायसवाल बोले, हमारे पीएम नरेंद्र मोदी ने हमले के कुछ ही घंटे बाद इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए घटना की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। म्यांमार में जारी संकट को लेकर जायसवाल ने कहा कि हम इससे अवगत हैं और इस मामले की समीक्षा चल रही है। जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यांमार का दौरा किया था, तो हमने इस पर चर्चा की और उस चर्चा का रीडआउट उपलब्ध कराया गया। हम नीतिगत तौर पर म्यांमार को मानवीय सहायता भी प्रदान करते रहे हैं। जब चक्रवात मोचा ने देश को प्रभावित किया तो हमने मदद की पेशकश की।