
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस जयमाल्य बागची की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसकी जानकारी दी है। जस्टिस जयमाल्य बागची को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को संस्तुति दी थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस विक्रम नाथ हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस जयमाल्य बागची की सिफारिश 6 मार्च को भेजी थी। इस तरह देखा जाए, तो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की तरफ से जस्टिस बागची के बारे में संस्तुति को केंद्र सरकार ने सिर्फ 4 दिन में ही हरी झंडी दिखा दी। जबकि, कई जजों के मामले में काफी देरी से फैसला लिया जाता रहा है।
जयमाल्य बागची अब वरिष्ठता के हिसाब से मई 2031 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे। हालांकि, बतौर सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस उनका कार्यकाल सिर्फ 4 महीने से कुछ ज्यादा का होगा। वह चीफ जस्टिस पद से केवी विश्वनाथन के रिटायर होने पर चीफ जस्टिस बनेंगे। जस्टिस जयमाल्य बागची 2 अक्टूबर 2031 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जयमाल्य बागची की नियुक्ति के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में 33 जज होंगे। 1 और जज की नियुक्ति अभी नहीं हुई है। जस्टिस जयमाल्य बागची को जून 2011 में कलकत्ता हाईकोर्ट का जज बनाया गया था। जनवरी 2021 में उनको आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट भेजा गया था। जिसके बाद उसी साल नवंबर में जस्टिस जयमाल्य बागची को कलकत्ता हाईकोर्ट वापस लाया गया।
जयमाल्य बागची 13 साल से न्याय देने का काम कर रहे हैं। उनको कानून के अलग-अलग क्षेत्रों की बहुत जानकारी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस जयमाल्य बागची की नियुक्ति के बारे में संस्तुति करते हुए लिखा था कि 2013 में चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर के रिटायर होने के बाद से कलकत्ता हाईकोर्ट से किसी जज को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त नहीं किया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ये भी पाया कि कलकत्ता हाईकोर्ट से अभी जस्टिस दीपांकर दत्ता देश की सबसे बड़ी अदालत में बतौर जज सेवा दे रहे हैं। जस्टिस जयमाल्य बागची पूरे देश के हाईकोर्ट के जजों के वरिष्ठता क्रम में 11वां स्थान रखते हैं। जस्टिस बागची की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमों का जल्द निपटारा हो सकेगा। क्योंकि वो सिविल के अलावा आपराधिक और संवैधानिक मामलों के भी जानकार हैं। यानी जस्टिस जयमाल्य बागची इन तीनों से संबंधित मुकदमों की सुनवाई कर सकते हैं।