
नई दिल्ली। यूपी के नोएडा का जघन्य निठारी कांड एक बार फिर चर्चा में है। निठारी कांड मामले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई और यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने कहा कि सुरेंद्र कोली छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाता था और फिर उनकी हत्या कर उनका मांस पकाकर था। इसे ट्रायल कोर्ट इस जघन्य अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन इस फैसले को हाईकोर्ट ने पलट दिया। ये वाकई भयानक है। ट्रायल कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को बच्चियों की हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी थी लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसले को पलट दिया था। इसके बाद पिछले साल मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और सह आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को जेल से रिहा कर दिया गया था।
इन दोनों पर साल 2006 में छोटे बच्चों की हत्या कर उनका मांस खाने के आरोप लगे थे। यह मामला तब उजागर हुआ था जब निठारी से कुछ बच्चे अचानक गायब हो गए थे। उसके बाद मोनिंदर सिंह पंढेर के बंगले के पास नाले में कई मानव अवशेषों मिले थे। इस मामले के सामने आने के बाद देशभर में हड़कंप मच गया था। सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और सबूतों को नष्ट करने सहित कई आरोप थे। वहीं मोनिंदर सिंह पंढेर को अनैतिक तस्करी के मामले में आरोपित किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुरिंदर कोली को हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और सबूत नष्ट करने के सभी आरोपों से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। पंढेर को भी