newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Why Central Government Bringing Amendment Bill Related To Waqf Board? : केंद्र सरकार क्यों ला रही है वक्फ बोर्ड से जुड़ा संशोधन विधेयक? जानिए इसका कारण

Why Central Government Bringing Amendment Bill Related To Waqf Board? : वक्फ बोर्ड ने अपनी असीमित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कई भूखंडों और संपत्तियों पर अपना दावा करते हुए अधिकार जमा रखा है। तमिलनाडु के तिरुचि जिले के तिरुचेंथुरई गांव में ऐसा ही एक चौंकानेवाला मामला सामने आया जहां वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिर समेत पूरे गांव की जमीन पर दावा कर रखा है।

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इसी सप्ताह वक्फ बोर्ड अधिनियम से जुड़ा संशोधन विधेयक सदन में पेश कर सकती है। केंद्रीय कैबिनेट से पहले ही वक्फ बोर्ड से जुड़े 40 संशोधनों को मंजूरी मिल चुकी है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर केंद्र सरकार को वक्फ संपत्ति से जुड़ा संशोधन विधेयक लाने की जरूरत क्यों पड़ी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा इसका कड़ा विरोध क्यों किया जा रहा है? हम आपको इसका कारण बताते हैं।

वक्फ बोर्ड ने अपनी असीमित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कई भूखंडों और संपत्तियों पर अपना दावा करते हुए अधिकार जमा रखा है। तमिलनाडु के तिरुचि जिले के तिरुचेंथुरई गांव में ऐसा ही एक चौंकानेवाला मामला सामने आया जहां वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिर समेत पूरे गांव की जमीन पर दावा कर रखा है। दरअसल तिरुचेंथुरई गांव निवासी एक किसान राजगोपाल ने अपना लोन चुकाने के लिए जब अपनी खेती की जमीन बेचनी चाही तो रजिस्ट्रार दफ्तर से उसे बताया गया कि वो जमीन तो उसकी है ही नहीं। जमीन वक्फ बोर्ड की है और उसे जमीन बेचने के लिए वक्फ बोर्ड की एनओसी लानी पड़ेगी।

इसी मामले में यह बात भी सामने आई कि इसी गांव में स्थित 1500 साल पुराने मणेंडियावल्ली चंद्रशेखर स्वामी मंदिर की जमीन पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा कर दिया। इसके साथ ही गांव की पूरे 369 एकड़ जमीन पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा कर रखा है। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले हैं जहां वक्फ बोर्ड ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जमीन पर कब्जा कर रखा है। तमिलनाडु के 18 अन्य गांवों की जमीन पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा करते हुए कहा है कि 1954 में सर्वे के आधार पर सरकार ने ये भूमि वक्फ बोर्ड को सौंपी थी। इसके अलावा हरियाणा के यमुना नगर में गुरुद्वारे की जमीन को वक्फ को हस्तांतरित कर दिया गया था।