रांची। क्या झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में सरायकेला पर हमेशा जीत दर्ज करने के झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम का रिकॉर्ड तोड़ देंगे? सरायकेला विधानसभा सीट हमेशा हेमंत सोरेन की जेएमएम जीतती रही है। यहां से चंपाई सोरेन विधायक चुने जाते रहे हैं। अब चंपाई सोरेन जेएमएम से अलग होकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में जेएमएम को सरायकेला में नया उम्मीदवार उतारना होगा। वहीं, माना जा रहा है कि सरायकेला में बीजेपी का टिकट चंपाई सोरेन को ही मिलेगा।
झारखंड में विधानसभा की 81 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। 13 और 20 नवंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। कांग्रेस, आरजेडी और वामदलों के सहारे सत्ता पर काबिज हेमंत सोरेन की जेएमएम के अलावा विपक्षी बीजेपी के लिए झारखंड विधानसभा के चुनाव इज्जत का सवाल हैं। जेएमएम जहां महागठबंधन के दलों के साथ सत्ता में वापसी कर बीजेपी को झटका देने की कोशिश में है। वहीं, बीजेपी इस बार हेमंत सोरेन को सरकार न बनाने देने के लिए सभी दांव-पेच आजमा रही है। अगर जेएमएम की बात करें, तो बरहेट, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा, डुमरी और सरायकेला सीट पर उसका ही प्रत्याशी जीतता रहा है। वहीं, झारखंड की राजधानी रांची की सीट के अलावा कांके और खूंटी सीट हमेशा बीजेपी के खाते में गई हैं।
अब सबकी नजर इस पर है कि जेएमएम की हमेशा जीतने वाली सीटों पर बीजेपी सेंध लगा पाती है, या उसकी ही हमेशा कब्जे में रही सीटों को जेएमएम और महागठबंधन के दल छीनने में सफल होते हैं। बीजेपी ने झारखंड में हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठियों की मदद का आरोप लगाया है। बीजेपी के झारखंड प्रभारी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो ये तक कह दिया है कि झारखंड में बीजेपी की सरकार बनने पर आदिवासी इलाकों से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाल बाहर किया जाएगा। वहीं, हेमंत सोरेन का आरोप है कि बीजेपी उनके खिलाफ साजिश रच रही है। हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा।