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Arvind Kejriwal Arrest : केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना, ईडी ने कोर्ट में किया दावा, 6 दिन की मिली रिमांड

Delhi Liquor Policy Scam : ईडी की ओर से कोर्ट में पेश एएसजी राजू ने कहा कि केजरीवाल ने इस भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा। वो ही इस मामले में किंगपिन हैं, वहीं मनीष सिसोदिया ने भी इसमें मुख्य भूमिका निभाई है। ईडी ने दावा किया कि के. कविता ने केजरीवाल को 300 करोड़ रुपए दिए जिसमें 100 करोड़ बतौर रिश्वत लिए गए।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरान कोर्ट में ईडी ने केजरीवाल को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया। ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति को बनाने में सीधे तौर पर शामिल थे। कोर्ट में पेशी पर लाए जाने के दौरान केजरीवाल ने कहा कि मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है, चाहे जेल के अंदर रहूं या बाहर। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, विक्रम चौधरी और रमेश गुप्ता कोर्ट में पेश हुए, जबकि ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू कोर्ट ने कोर्ट में दलील पेश की। कोर्ट ने ईडी को केजरीवाल की 6 दिन यानि 28 मार्च तक की रिमांड दे दी। ईडी ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी। इससे पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने काफी समय के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस भ्रष्टाचार का षड्यंत्र रचा। ईडी ने केजरीवाल को इस मामले में किंगपिन बताया। इतना ही नहीं एएसजी राजू ने दावा किया कि दिल्ली के शराब नीति घोटाले मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया ने भी मुख्य भूमिका निभाई। राजू ने कोर्ट में कहा कि नई शराब नीति अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह द्वारा लागू की गई थी। ईडी ने सुनवाई के दौरान शराब नीति मामले में गिरफ्तार एक और आरोपी विजय नायर का जिक्र किया। ईडी ने कहा कि विजय नायर केजरीवाल का दाहिना हाथ है, वह केजरीवाल के लिए रिश्वत इकट्ठा करता था। विजय नायर केजरीवाल और के कविता के लिए काम कर रहा था, साउथ ग्रुप में मिडिल मैन की भूमिका में था।

ईडी ने दावा किया दो बार भारी कैश का लेन-देन हुआ है। के. कविता ने आम आदमी पार्टी को 300 करोड़ रुपए दिए थे। इसमें 100 करोड़ रुपए बतौर रिश्वत लिए गए। यह साबित करने के लिए हमारे पास बयान हैं। ईडी के वकील ने कहा कि केजरीवाल ने दिखावे के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। रिश्वतखोरी में केजरीवाल शामिल थे। गोवा चुनाव में 45 करोड़ का इस्तेमाल हुआ। गोवा में चार रूट से पैसे भेजे गए थे। रिश्वत के पैसे कैश में लिए गए थे। ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक राजनीतिक पार्टी नहीं कंपनी की तरह काम करती है। केजरीवाल आप के कर्ता-धर्ता हैं और वे अपने सहयोगियों के लिए भी जवाबदेह हैं। राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर ईडी की तरफ से भेजे गए समन की अवहेलना की. ईडी ने नौ बार केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन केजरीवाल एक बार भी पेश नहीं हुए।

वहीं अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की कस्टडी का विरोध किया। सिंघवी ने कहा, भारत के इतिहास में पहली बार किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि उनकी पार्टी के पहले चार नेताओं को गिरफ्तार किया गया। ऐसा लगता है जैसे पहला वोट डालने से पहले ही आपको नतीजे पता चल गए हों। उन्होंने कहा, रिमांड यूं ही नहीं मिल जाती, इसके लिए कोर्ट को संतुष्ट करना पड़ता है। गिरफ्तार करने की शक्ति होने का मतलब ये नहीं कि आपके पास गिरफ्तार करने की अनिवार्यता है। सिंघवी ने दावा किया कि जिस गवाह के बयान को ईडी आधार बना रही है हो सकता है कि उस गवाह ने अपनी आजादी का सौदा किया हो।

केजरीवाल के वकील ने कहा, ED का दावा है कि उनके पास केजरीवाल के खिलाफ सारी सामग्री थी, तो फिर आपने आचार संहिता लागू होने तक इंतजार क्यों किया? केजरीवाल के दूसरे वकील विक्रम चौधरी ने कहा, रिमांड की शुरुआती लाइन ही ईडी की दलील पर सवाल खड़ा करती है। आप प्रमुख या मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा था। अरविंद केजरीवाल को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया है इससे ईडी की जल्दबाजी पता चल रही है। ईडी के रिमांड पेपर में इनकी जल्दबाजी दिख रही है। जबकि ईडी के पास अरविंद केजरीवाल को लेकर कोई सीधा सबूत नहीं है।