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Jitan Ram Manjhi Praised PM Narendra Modi : मरते दम तक नहीं छोड़ूंगा नरेंद्र मोदी का साथ, जीतन राम मांझी ने नाराजगी की खबरों पर दी सफाई

Jitan Ram Manjhi Praised PM Narendra Modi : केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा, मैं पीएम नरेंद्र मोदी के कामों से इतना बोझिल हूं, इतना आभारी हूं कि उसे शब्दों में बता नहीं सकता। एक सीट जीतकर आने वाले को एमएसएमई जैसा महत्वपूर्ण विभाग देना बहुत बड़ी बात है। मोदी जी ने मुझसे कहा था कि मैं अपने विजन का विभाग आपको दे रहा हूं, इतना बड़ा विश्वास जो मोदी जी ने मुझपर जताया है वो कोई मामूली बात नहीं है।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि वो मरते दम तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ नहीं छोड़ेंगे। इससे पहले खबर थी कि मांझी झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को सीट न दिए जाने पर नाराज हैं। साथ ही मांझी की पार्टी इस साल के अंत तक बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर लड़ने के लिए बीजेपी पर दबाव डाल रही है। मगर अब जीतन राम मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि वो एनडीए का हिस्सा हैं और नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है।

मांझी ने कहा, मैं पीएम नरेंद्र मोदी के कामों से इतना बोझिल हूं, इतना आभारी हूं कि उसे शब्दों में बता नहीं सकता। एक सीट जीतकर आने वाले को एमएसएमई जैसा महत्वपूर्ण विभाग देना बहुत बड़ी बात है। मोदी जी ने मुझसे कहा था कि मैं अपने विजन का विभाग आपको दे रहा हूं, इतना बड़ा विश्वास जो मोदी जी ने मुझपर जताया है वो कोई मामूली बात नहीं है। हम बेईमान नहीं है यह हमारी जाति का संस्कार है। मैं मोदी के साथ एनडीए में हूं और रहूंगा।

केंद्रीय मंत्री बोले, कोई विकल्प नहीं है, हम सबने तय किया है कि भारत का नेतृत्व नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं और बिहार का नेतृत्व नीतीश कुमार के द्वारा ही किया जाएगा। मांझी ने कहा कि मैंने कभी मीडिया से बात नहीं की, मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, जमालपुर में 5,000 से ज्यादा कार्यकर्ता थे और उससे पहले जहानाबाद में करीब 10 से 12 हजार लोग थे, मैंने उनसे कहा कि आप मेरी ताकत हैं और झारखंड में हमारी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया गया, अगर हमारी ताकत का इस्तेमाल झारखंड में किया गया होता, तो एनडीए को ज्यादा सीटें मिलतीं। अब दिल्ली में भी ऐसा ही हुआ हमें सीटें नहीं दी गई इससे एनडीए को घाटा होगा और मैं ऐसा नहीं चाहता।

जीतन राम बोले, नाराजगी की कोई बात नहीं है, मैं झारखंड में एनडीए की हार से दुखी हूं। मुझे लगा कि शायद अगर हम कुछ मेहनत करते तो यह स्थिति नहीं आती। दिल्ली में मैं चाहता हूं कि एनडीए की सरकार बने और अगर इसके लिए मेरा सहयोग मांगा जाएगा तो भी मैं करूंगा, हालांकि उन्होंने यह भी कि अगर दिल्ली में हमारी पार्टी को सीट मिलती तो हमारे कार्यकर्ताओं में ज्यादा उत्साह होता।