लखनऊ। राहुल गांधी एक बार फिर यात्रा निकालने जा रहे हैं। वो 14 जनवरी को मणिपुर से कांग्रेस की न्याय यात्रा शुरू करेंगे। ये यात्रा होली के आसपास मुंबई में खत्म होगी। कांग्रेस की न्याय यात्रा के दौरान 11 दिन राहुल गांधी यूपी में रहेंगे। राहुल अपनी यात्रा के दौरान लखनऊ, बरेली, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, रामपुर, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, बुलंदशहर और संभल जाएंगे। कुल मिलाकर राहुल की न्याय यात्रा का सबसे ज्यादा वक्त यूपी में ही बीतेगा। अब राहुल की न्याय यात्रा कांग्रेस के लिए यूपी में संजीवनी का काम करेगी या नहीं, ये देखना बाकी है। इसकी वजह ये है कि कांग्रेस को लगता है कि कर्नाटक और तेलंगाना में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से ही उसे सत्ता हासिल हुई है, लेकिन हकीकत ये भी है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में जिन विधानसभा सीटों से होकर राहुल की भारत जोड़ो यात्रा चली थी, उन सीटों में से बहुत कम में कांग्रेस को इस बार विधानसभा चुनाव में जीत मिली है।
यूपी की बात करें, तो लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें इसी राज्य से आती हैं। कहावत है कि यूपी को जीतने वाला ही केंद्र में सरकार बनाता है। कांग्रेस के लिए यही बड़ी दिक्कत है। कांग्रेस ने पिछली बार यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में सिर्फ रायबरेली की सीट ही जीती थी। जहां से चौथी बार सोनिया गांधी ने मैदान मारा था। वहीं, राहुल गांधी अपने गढ़ अमेठी में बीजेपी की स्मृति इरानी से हार गए थे। अगर वो वायनाड से भी चुनाव न लड़ते, तो सांसद नहीं बन पाते। बहरहाल, कांग्रेस को यूपी में 2009 में ही सबसे ज्यादा 21 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। तबसे लगातार उसका ग्राफ गिरता ही रहा है। यूपी में अगर सपा से गठबंधन हो गया, तो कांग्रेस इस बार कुछ ज्यादा सीटों पर जीत की उम्मीद कर सकती है। हालांकि, इसमें सफलता मिलेगी या नहीं, ये कहना मुश्किल है। इस बीच, अखिलेश यादव ने ये भी कह दिया है कि अगर सीटों पर समझौता हो गया, तो उनकी पार्टी भी राहुल की यात्रा में हिस्सा ले सकती है। यानी उन्होंने एक तरह से कांग्रेस के सामने नई शर्त रख दी है।
बीजेपी के अलावा मायावती भी बीएसपी को लोकसभा चुनावों में फिर बड़ी जीत दिलाने के लिए ताल ठोककर मैदान में उतर रही हैं। बीजेपी का इरादा सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का है। यानी वो रायबरेली में भी कांग्रेस को हराना चाहती है। वहीं, बीएसपी का निशाना पश्चिम और पूर्वी यूपी की सीटों पर है। ऐसे में राहुल की न्याय यात्रा यूपी में कितना असर दिखाएगी और वो भी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौर में, इस पर कयास लगाना फिलहाल मुश्किल है।