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Gayanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे पर रोक बरकरार, अब इस दिन आएगा इलाहाबाद HC का फैसला

Gayanvapi Case: ज्ञानवापी मामले की अब आगामी 3 अगस्त को फैसला आएगा। इसी दिन कोर्ट फैसला करेगी क ज्ञानवापी का सर्वे किया जाए या नहीं। बता दें कि बीते दिनों वाराणसी  की जिला अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी, जिस पर अब तक यथास्थिति बरकरार है। 

नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले पर अब आगामी 3 अगस्त को फैसला आएगा। इसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला करेगी कि ज्ञानवापी का सर्वे होगा या नहीं? बता दें कि बीते दिनों वाराणसी की जिला अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी, जिस पर अब तक यथास्थिति बरकरार है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि सर्वे से मस्जिद में क्षति पहुंचेगी। लेकिन, एएसआई इस बात से साफ इनकार कर रहा है। एएसआई का कहना है कि सर्वे से किसी भी प्रकार की क्षति मस्जिद को नहीं पहुंचेगी।

यही नहीं, बीते मंगलवार को एएसआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मस्जिद को सर्वे के दौरान किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा। ध्यान दें कि मुस्लिम पक्ष इस बात को लेकर आशंका जता रहा है कि खुदाई करने से मस्जिद को नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन आपको बता दें कि कोर्ट ने बीते दिनों अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि खुदाई ना की जाए। इसके अलावा एएसआई ने भी अपने सर्वे में खुदाई नहीं करने की बात कही थी।

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों के अपने अलग-अलग दावे हैं। हिंदू पक्ष यहां मंदिर होने के दावे कर रहा है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष इन दावों को सिरे से खारिज करता हुआ नजर आ रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी, जिसमें मस्जिद का सर्वे कराए जाने की मांग की गई थी, ताकि यह पता चल सकें कि वहां मंदिर है या मस्जिद? अब इसी सर्वे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। ध्यान दें कि सर्वे की भूमिका ऐसी परिस्थितियों में अहम हो जाती है, चूंकि इससे पहले राम मंदिर मामले में भी कोर्ट ने एएसआई को सच का पता लगाने के लिए सर्वे का निर्देश दिया था। सर्वे के आधार पर ही  बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर होने के अवशेष प्राप्त हुए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में वहां राम मंदिर निर्माण का निर्देश दिया था। इसी कड़ी में अब ज्ञानवापी मामला भी कुछ इसी तरह का है, जिसके सच का पता लगाने के लिए सर्वे की भूमिका हो अहम हो जाती है।