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DND Toll Matter: नोएडा और दिल्ली के बीच डीएनडी होकर आते-जाते हैं?, जानिए टोल पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

DND Toll Matter: अगर आप नोएडा और दिल्ली के बीच डीएनडी से होकर आते-जाते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी पर फिर से टोल लगाने के बारे में बड़ा फैसला दिया है। आप इस खबर को पढ़कर जान सकते हैं कि डीएनडी से आने-जाने के लिए टोल देना होगा या नहीं?

नई दिल्ली। अगर आप नोएडा और दिल्ली के बीच डीएनडी से होकर आते-जाते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी पर फिर से टोल लगाने के बारे में बड़ा फैसला दिया है। आप इस खबर को पढ़कर जान सकते हैं कि डीएनडी से आने-जाने के लिए टोल देना होगा या नहीं? टोल कंपनी एनटीबीसीएल पहले डीएनडी पर टोल लेती थी। उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीबीसीएल की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। यानी आपको डीएनडी के जरिए दिल्ली और नोएडा के बीच आने-जाने के लिए टोल नहीं देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डीएनडी टोल फ्री रहेगा। कोर्ट ने कहा कि बिना सार्वजनिक टेंडर जारी हुए एनटीबीसीएल को टोल लेने का काम दिया गया था, जो गलत फैसला था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीबीसीएल अब डीएनडी पर टोल नहीं ले सकती। दिल्ली और नोएडा के बीच ये अहम रास्ता टोल फ्री ही रहेगा। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2016 में कहा था कि डीएनडी पर एनटीबीसीएल की तरफ से टोल लेना गलत है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीएनडी पर टोल की वसूली बंद हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीबीसीएल को नोएडा अथॉरिटी की तरफ से उस वक्त मिली रियायत को भी गलत बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीएजी ने अधूरे प्रोजेक्ट की लगातार बढ़ती लागत के बारे में बताया है। इससे डीएनडी का इस्तेमाल करने वालों पर बोझ पड़ा। कोर्ट ने कहा कि एनटीबीसीएल को हमेशा के लिए लाभ दिया जा रहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम जनता ने एनटीबीसीएल और नोएडा अथॉरिटी के बीच गलत तरीक से हुए समझौते के कारण कई सौ करोड़ रुपए गंवाए। बता दें कि नोएडा के लोगों ने डीएनडी पर टोल वसूले जाने का विरोध किया था। आम लोगों और किसानों ने डीएनडी पर धरना देकर लगातार लिए जा रहे टोल को गलत बताया था। जांच में ये भी पता चला था कि टोल लेने वाली कंपनी ने डीएनडी की लागत से ज्यादा रकम लोगों से ली है। इसके बाद मामला कोर्ट गया था।