
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य किसी ना किसी विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में बने ही रहते हैं। अपने विवादित बयानों की वजह से आलोचनाओं के साथ-साथ उन्हें कोर्ट के कचहरी के भी चक्कर लगाने पड़ चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। बीते दिनों उन्होंने दीवाली के मौके पर मां लक्ष्मी के संदर्भ में अशोभनीय टिप्पणी की थी जिस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तल्ख प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वामी के मुंह में बवासीर हो गया है। इतना ही नहीं, बीते दिनों स्वामी ने एक जनसभा को संबोधित करने के क्रम में रामचरितमानस के श्लोकों पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट में भी मामला चला, लेकिन इसके बावजूद भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
इतना ही नहीं, उनके लखनऊ के मंदिरों में जाने पर भी पांबदी लगा दी गई थी। स्वामी के खिलाफ अब तक कई कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन वो है कि हिंदू देवी देवताओं पर विवादित बयान देने से बाज नहीं आते हैं। बीते दिनों इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी सवाल किया गया था, तो उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ लिया था।
इतना ही नहीं, अखिलेश ने स्वामी को पार्टी महासचिव का पदभार देकर यह साफ कर दिया था कि उन्हें अपने नेता के विवादित बयानों से कोई आपत्ति नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें बीजेपी ने लपेटे में भी लिया था। वहीं, आज मध्य प्रदेश में मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश ने एक बार फिर से स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिंदू धर्म पर की गई विवादित टिप्पणी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
बता दें कि अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के संदर्भ में कहा कि, ‘सपा का धर्म को लेकर रुख बिल्कुल स्पष्ट है। उसे लेकर कोई बात नहीं रखनी है। अगर कोई धर्म को लेकर ऐसा बयान दे रहा है, तो आप उसे मीडिया में मत दिखाओ। वहीं, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के संदर्भ में अखिलेश यादव ने कहा कि कोई किसी का एजेंट नहीं होता है। यह उनका अपना निजी मत है। ध्यान दें, यह पहली बार है कि जब स्वामी प्रकरण पर अखिलेश यादव ने खुलकर अपनी राय साझा की है।