
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी एक केस की सुनवाई के दौरान वकील पर इस कदर नाराज हो गईं कि उन्होंने ना सिर्फ वकील की माफी को खारिज कर दिया बल्कि यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट से बेहतर तरीके से जिला अदालतों और हाईकोर्ट में काम होता है। उन्होंने कहा कि मैं खुद भी जिला अदालत से यहां तक आई हूं इसलिए मुझे कार्यप्रणाली के बारे में मालूम है। मैंने वहां कभी इस तरह का माहौल नहीं देखा। दरअसल पहले तो एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड पी. सोमा सुंदरम कोर्ट में पेश नहीं हुए और उसके बाद उन्होंने बेंच को ‘माय लर्नड फ्रेंड’ कहकर संबोधित किया जिस कारण जस्टिस त्रिवेदी को गुस्सा आ गया।
जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 28 मार्च को एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड पी. सोमा सुंदरम बेंच अनुपस्थित थे। उनकी तरफ से वकील आर. नेदुमारन पेश हुए और उन्होंने बेंच को बताया कि सोमा सुंदरम दिल्ली से बाहर हैं इस कारण उपस्थित नहीं हो सकते। बेंच ने उन्हें वर्चुअली पेश होने के लिए कहा लेकिन वो वर्चुअली भी नहीं पेश हो सके जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए आज यानी 1 अप्रैल की तारीख तय की थी।
बेंच ने वकील सोमा सुंदरम से कहा कि आप मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहे हैं तो क्या आपको पेपर्स को पढ़ने नहीं चाहिए? इस पर एओआर ने बेंच को ‘माय लर्नड फ्रेंड’ कहकर संबोधित किया तो जस्टिस त्रिवेदी ने उनकी बात को काटते हुए गुस्से में कहा, डोंट से लर्नंड फ्रेंड। पहले तो आप देरी के लिए माफी मांगते हैं, फिर माफी आवेदन में, ये किस तरह की भाषा है। एओआर ने कहा कि याचिका किसी और ने तैयार की है इस पर जस्टिस त्रिवेदी ने कहा, हमें पेपर पढ़ने पड़ेंगे क्योंकि आप तो व्यस्त हैं और हम खाली हैं।