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Agneepath: युवा भड़क चुके हैं, तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं, क्या अग्निपथ वापस लिया जाएगा ? सेना का बड़ा बयान

Agneepath : दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एक पत्रकार की ओर से सवाल किया गया कि युवाओं की ओर से अग्निपथ योजना के विरोध में देशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है, तो क्या सरकार या सेना की तरफ से उक्त योजना को वापस लेने की संभावना है। इस पर तीनों सेनाओं के प्रमुख की ओर से कहा गया है कि देखिए यह स्कीम एक या दो दिन में नहीं में नहीं, बल्कि एक-दो वर्ष की दीर्घ अवधि के उपरांत विशेष विचार विमर्श के बाद लाया गया है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के कई राज्य हिंसा की गिरफ्त  में आ चुके हैं। विरोध प्रदर्शन के नाम पर जिस तरह प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचा रहे हैं, उसे लेकर अब केंद्र सरकार समेत हिंसाग्रस्त राज्यों की पुलिस एक्शन  मोड में आ चुकी है। विभिन्न सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में संलिप्त युवाओं को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब तक हिंसा में संलिप्त कई युवाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, अब इस पूरे मसले को लेकर राजनीति भी देखने को मिल रही है। काग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार की उक्त योजना की भत्सर्ना कर इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, केंद्र का दो टूक कहना है कि यह योजना युवाओं के लिए हितकारी है। आज इसी कड़ी में कांग्रेस नेताओं ने प्रियंका गांधी की अगुवाई में अग्निपथ योजना को वापस लेने हेतु सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत भी की है, लेकिन केंद्र की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि किसी भी कीमत पर अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। वहीं, आज इन तमाम विरोध प्रदर्शन  के बीच तीन सेनाओं के प्रमुखों ने प्रेस कांफ्रेंस कर उक्त योजना को लेकर युवाओं के जेहन में व्याप्त आशंकाओं को दूर करने का काम किया है। इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तीनों ही सेनाओं के प्रमुखों से अग्निपथ योजना को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर सवाल किए  गए। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

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दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एक पत्रकार की ओर से सवाल किया गया कि युवाओं की ओर से अग्निपथ योजना के विरोध में देशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है, तो क्या सरकार या सेना की तरफ से उक्त योजना को वापस लेने की संभावना है। इस पर तीनों सेनाओं के प्रमुख की ओर से कहा गया है कि देखिए यह स्कीम एक या दो दिन में नहीं में नहीं, बल्कि एक-दो वर्ष की दीर्घ अवधि के उपरांत विशेष विचार विमर्श के बाद लाया गया है और यह उन सभी युवाओं के लिए हितकर है, जो सेना में आने का मन बना रहे हैं। वहीं, रही बात अग्निपथ योजना को वापस लेने का सवाल, तो ऐसी कोई भी संभावना नहीं है। इस योजना को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा।

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वहीं, तीनों ही सेनाओं के प्रमुखों से यह सवाल किया गया कि क्या जिन युवाओं को नाम हिंसा में लिप्त पाया गया है, क्या उन्हें अग्निवीर बनने का मौका मिलेगा? तो इस पर कहा गया है कि सेना का मूल मंत्र अनुशासन होता है, लिहाजा हिंसा में लिप्त पाए गए किसी भी युवा को अग्निवीर बनने का मौका नहीं मिलेगा। सेना की ओर से कहा गया है कि बतौर अग्निवीर आवेदन करने हेतु उन्हें प्रतिज्ञा पत्र लिखना होगा कि उनका हिंसा में नाम लिप्त नहीं है। हालांकि, प्रतित्रा पत्र लिखे जाने के बावजूद भी पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा, जिसमें अगर किसी का नाम आ गया, तो उन्हें बतौर अग्नीवीर सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा। तो इस तरह से मुख्तलिफ मसलों पर तीनों ही सेनाओं के प्रमुखों ने अपनी राय जाहिर प्रदर्शनकारी युवाओं के जेहन में व्याप्त आशंकाओं को दूर करने का काम किया है। लेकिन, आपका बतौर पाठक आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम