World Brain Tumor Day: ब्रेन ट्यूमर डे आज, जानिए क्या हैं इसके मुख्य लक्षण, और कैसे लोगों को उपचार के लिए करें जागरूक

World Brain Tumor Day: यह थीम वास्तविकता में आज के समय के लिए समसामयिक भी है । ब्रेन ट्यूमर का मरीज को जैसे ही पता लगता है कि वह पूरी तरह से टूट और बिखर जाता है और वह इलाज नहीं कराता है। बहुत कम लोग इसको स्वीकार कर हिम्मत जुटा पाते हैं।

Avatar Written by: June 8, 2023 12:03 pm

नई दिल्ली। मौजूदा समय में ब्रेन ट्यूमर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। मगर उसके बावजूद भी इलाज लेने वाले मरीजों की संख्या उतनी तीव्रता से नहीं बढ़ रहे हैं। इस बीमारी से जूझने वालों की संख्या ज्यादा है लेकिन इलाज कराने बहुत कम लोग ही जाते है। इसका मुख्य कारण बीमारी को लेकर उड़ रही अफवाहें है और साथ ही लोगों को इस रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं है इसलिए ही लोग इसके उपचार से दूर है। यह हम नहीं बल्कि भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर जयपुर के न्यूरो ऑन्कोलोजिस्ट डॉ नितिन द्विवेदी का कहना है। डॉ द्विवेदी ने बताया कि इस साल वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे की जो थीम है वह “यूनाइटिंग फॉर होप, एंपावरिंग ब्रेन ट्यूमर पेशेंट“ है। यह थीम वास्तविकता में आज के समय के लिए समसामयिक भी है । ब्रेन ट्यूमर का मरीज को जैसे ही पता लगता है कि वह पूरी तरह से टूट और बिखर जाता है और वह इलाज नहीं कराता है। बहुत कम लोग इसको स्वीकार कर हिम्मत जुटा पाते हैं।

लक्षणों को ना करें अनदेखा, उपचार के लिए जागरूक होना आवश्यक

इस बीमारी के मुख्य लक्ष्ण हैं वो तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्द, मांसपेशियों में कमज़ोरी, चलने में परेशानी, रह-रहकर परेशानी होना, शरीर के एक तरफ़ कमज़ोरी, तालमेल में समस्या, या हाथों और पैरों की कमज़ोरी, चक्कर आना, उल्टी , चुभन महसूस करना या स्पर्श कम महसूस होना, धुंधला दिखना, ठीक से बोलने और समझने में परेशानी या सुध-बुध खोना, बोलने में कठिनाई या व्यक्तित्व में बदलाव, दौरे पड़ना, बेहोषी आना, यह सभी लक्षण ब्रेन ट्यूमर के संकेंत हो सकते हैं।

66 फीसदी टयूमर कैंसर के नहीं

डॉ नितिन द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन टयूमर का नाम सुनते ही डर जाते हैं, लेकिन यह टयूमर दूसरे टयूमर से बिल्कुल अलग होते है। जांच की मानें तो 66 फीसदी टयूमर सामान्य टयूमर होते है जो कि कैंसर के नहीं होते है। 15 साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 प्रतिशत होता है। वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों को 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है।

ऐसे में आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता हैं कि अगर आप ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित मरीजों को देखते हैं तो उनका हौसला बढ़़ाए, उन्हें इलाज लेने के लिए प्रेरित करें, उनके दुख-दर्द में शामिल होकर उनको मजबूत बनाएं। अगर हम आज यह प्रतिज्ञा लेते हैं कि हम सब एक होकर ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को शक्ति प्रदान करेंगे तो इस बीमारी का बोझ काफी हद तक कम किया जा सकता है।