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Parenting Tips: बच्चा करता है आपकी अनसुनी?, कहीं ये गलतियां तो नहीं कर रहे आप?

Parenting Tips: आज के बच्चों में टीवी, वीडियो गेम आदि की लत ऐसी लगी है कि उसके आगे उन्हें कुछ नहीं सूझता। हाल ही में एक घटना सामने आई है जिसमें एक किशोर ने अपनी मां की हत्या इस बात पर कर दी कि वो उन्हें ऑनलाइन वीडियो गेम नहीं खेलने देती थीं।

आज के बच्चे पहले के बच्चों से बहुत ज्यादा एडवांस हैं। मोबाइल इंटरनेट से निसंदेह उन्हें अधिक जानकारियां हासिल हो चुकी हैं, लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि वो बड़ों का अपमान करने लग जाएं, उनकी बातों को अनसुना करने लगें। बच्चे सिर्फ एक बार कहने पर ही आपकी आपकी बात सुन ले…ये तो आज के समय में बिरले ही देखने को मिलता है। आज के बच्चों में टीवी, वीडियो गेम आदि की लत ऐसी लगी है कि उसके आगे उन्हें कुछ नहीं सूझता। हाल ही में एक घटना सामने आई है जिसमें एक किशोर ने अपनी मां की हत्या इस बात पर कर दी कि वो उन्हें ऑनलाइन वीडियो गेम नहीं खेलने देती थीं। ये ऐसी पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी एक दो बार ऐसी घटना सुनने को मिली है। ऐसे में आज पैरेंट्स के लिए बहुत जरुरी हो जाता है कि वो इस बात की जानकारी हासिल करें कि बच्चों को कैसे हैंडल किया जाए। आज हम इसी मुद्दे से जुड़े कुछ टिप्स लेकर आए हैं उम्मीद है आपके बहुत काम आएंगी। इसके लिए सबसे पहले खुद को जानना जरूरी है कि आप ऐसा क्या करते हैं जो बच्चों को आपकी बातें अनसुना करने पर मजबूर करती है, आइये जानते हैं…

1.बच्चों पर हर समय पढाई का दबाव न बनाएं उन्हें उनके हिस्से का वक्त और आजादी दें।

2.अगर बच्चा आपकी बात नहीं सुनता तो अपनी बात को कहने का तरीका बदल लें।

3.उन्हे हर बात के लिए चेतावनियां न दें। क्योंकि किसी भी चीज की अति की हानि होती है। तो ऐसे में बच्चा आपकी चेतावनियों का आदी हो जाता है और उसे आपकी बात का फर्क पड़ना बंद हो जाता है।

4.ज़्यादातर मां-बाप बच्चों से अपनी बात मनवाने के लिए धमकियां देने लगते हैं या फिर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स अपनी इस आदत में सुधार करें। बच्चों से अपनी बात मनवाने के लिए लॉजिकल बात करें, न कि धमकियों का सहारा लें।

5.बच्चों के साथ हर बात को लेकर बहस न करें। उनकी बात को ध्यान से सुनें समझें और उसके बाद उन्हें प्यार से समझाएं। आप जितना उनसे बहस करेंगे, उनके मन में आपके लिए उतनी ही बड़ी निगेटिव छवि बनती जाएगी।

6.बच्चों की असफलता उन्हें मजबूत बनाती है और इससे वो भविष्य में बेहतर विकल्प चुनना सीखते हैं, लेकिन अगर आप उनकी असफलताओं और परिणामों के हिसाब से डांटना शुरू कर देते हैं तो ये उनके लिए अच्छा नहीं होता। इसकी जगह उन्हें सही निर्णय लेना सिखाएं।

7.बच्चों से ऊंची आवाज में बात न करें। ये उन्हें इरिटेट करता है और बच्चा आपको और अधिक इग्नोर करना शुरू कर देता है। इससे बच्चे के साथ आपका रिश्ता भी बिगड़ सकता है। इसका परिणाम ये होगा कि आने वाले समय में आपका बच्चा आपकी और भी नहीं सुनेगा।