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Supertech twin towers: जानिए किस तरह गिराए जाएंगी सुपरटेक की दोनों बिल्डिंग, आस-पास कितना पड़ेगा असर

Supertech twin towers: बड़ी बिल्डिंग को विस्फोट के जरिए गिराने के लिए प्लान तैयार किया जाता है। जिसमें आस-पास की जमीन, बिल्डिंग्स, भौगोलिक स्थिति पर खास ध्यान देते हैं। जिसके बाद बिल्डिंग परमिशन के साथ इसपर काम शुरू कर दिया जाता है और फिर बिल्डिंग को गिराया जाता है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में दो 40 मंजिला टावरों को गिराने के प्रस्ताव पर अब मुहर लगा दी है। जिसके बाद अब इन दोनों इमारतों को गिराया जाना तय है। यानी अब सुपरटेक की 40-40 मंजिल की दोनों इमारत गिरानी होगी। हालांकि कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने इन टावर में फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें ब्याज के साथ उनका पैसा लौटा दिया जाएगा। अब सुपरटेक इस फैसले पर क्या कार्रवाई करता है यह भी देखा जाएगा। लेकिन  अब कोर्ट के इस फैसले के बाद से लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इतनी बड़ी बिल्डिंग को किस तरह गिराया जाएगा। साथ ही जिन लोगों के घर इस बिल्डिंग के आसपास हैं, उनको डर है कि इस बिल्डिंग के गिरने से क्या उनके फ्लैट पर भी कोई कोई असर पड़ेगा?

Supreme-Court

इस तरह गिराई जाती है बिल्डिंग?

कहते हैं कि इस तरह की बड़ी बिल्डिंग को विस्फोट करके गिराया जाता है या इसका दुसरा और सामान्य तरीका यह भी होता है कि इस तरह की बिल्डिंग को हर फ्लोर के आधार पर तोड़ा जाए। साथ ही फ्लोर के प्लान के हिसाब से ही पिलरों को तोड़ा जाता है। लेकिन बिल्डिंग को विस्फोटक के माध्यम से गिराए जाना बेहद ही जटिल प्रक्रिया मानी जाती है। ये मुश्किल काम माइनिंग ब्लास्ट या डिमोलिशन एक्सपर्ट के जरिए ही किया जा सकता है। बड़ी बिल्डिंग को विस्फोट के जरिए गिराने के लिए प्लान तैयार किया जाता है। जिसमें आस-पास की जमीन, बिल्डिंग्स, भौगोलिक स्थिति पर खास ध्यान देते हैं। जिसके बाद बिल्डिंग परमिशन के साथ इसपर काम शुरू कर दिया जाता है और फिर बिल्डिंग को गिराया जाता है।

आस-पास के इलाके पर होगा असर

पिछले साल केरल के कोच्चि में समुद्र किनारे मरादू इलाके में 19 मंजिल की एच2ओ होली फेथ और 32 मंजिला अल्फा सेरेन नाम की इमारतें ढहाई गई थीं। इन दोनों बिल्डिंग को गिराने का जिम्मा भी आनंद शर्मा को ही दिया गया था। साथ ही वो पहले भी कई बिल्डिंग को गिराने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। ऐसे में आनंद शर्मा का कहना है, ‘कोच्चि में जब बिल्डिंग गिराई तो कुछ ही मीटर पर दूसरी बिल्डिंग थी। इसलिए इसका पास की बिल्डिंग पर कोई खास असर नहीं हुआ था।