
नई दिल्ली। पहलवानों के प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी 4 हफ्ते में जांच कर रिपोर्ट देगी। साथ ही जांच के दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और सांसद बृजभूषण शरण सिंह महासंघ के रोज के कामकाज से अलग रहेंगे। बृजभूषण पर यौन शोषण और अन्य आरोप लगाते हुए 30 पहलवानों ने बीते बुधवार से प्रदर्शन करना शुरू किया था। जांच कमेटी बनाने और बृजभूषण के कामकाज पर फिलहाल रोक लगाने के बाद इन पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है।
पहलवानों से बातचीत के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से कहा कि हमने खिलाड़ियों से चर्चा की। सरकार ने इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ को नोटिस जारी कर 72 घंटे में जवाब भी मांगा था। उन्होंने कहा कि निरीक्षण कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी 4 हफ्ते में जांच पूरी करेगी। इस जांच में बृजभूषण शरण सिंह भी शामिल होंगे। जांच होने तक भारतीय कुश्ती महासंघ की रोजमर्रा की गतिविधियों पर ये कमेटी नजर रखेगी। इस कमेटी में 7 लोग रखे गए हैं। इनमें बॉक्सर मैरीकॉम, पहलवान योगेश्वर दत्त, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, सहदेव यादव और दो वकील भी हैं।
सरकार की तरफ से जांच के लिए कमेटी बनाने और बृजभूषण को रोज के कामकाज से फिलहाल रोकने के एलान के बाद प्रदर्शन कर रहे पहलवान बजरंग पुनिया ने इसका स्वागत किया। बजरंग पुनिया ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुनकर उचित जांच का आश्वासन दिया है। हम उनको धन्यवाद देते हैं। बजरंग ने कहा कि हमें निष्पक्ष जांच की उम्मीद है। इसी वजह से हम विरोध प्रदर्शन फिलहाल खत्म कर रहे हैं। अब 4 हफ्ते बाद निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बृजभूषण शरण सिंह की किस्मत पर फैसला होगा। हालांकि, बृजभूषण लगातार कह रहे हैं कि ये सबकुछ राजनीति से प्रेरित है। वो ये भी कह चुके हैं कि यौन शोषण का एक भी मामला साबित हो, तो वो फांसी लगा लेंगे।