
लाहौर। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर सख्त रवैया अपनाया है। पीसीबी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच एशिया कप और वर्ल्ड कप के मैच कराने को लेकर मतभेद हैं। आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले और सीईओ ज्योफ एलार्डिस पाकिस्तान के लाहौर पहुंचे हैं। वहां उन्होंने पीसीबी से साफ-साफ ये जानना चाहा है कि वो अक्टूबर में भारत में होने वाले वन-डे वर्ल्ड कप में अपनी टीम भेजेगा या नहीं। इससे पहले पीसीबी के चीफ और वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने कहा था कि अगर बीसीसीआई ने एशिया कप के लिए अपनी टीम पाकिस्तान नहीं भेजी, तो पीसीबी की टीम भी वर्ल्ड कप खेलने भारत नहीं जाएगी। नजम सेठी ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाइब्रिड तरीके से मैच कराने का भी प्रस्ताव दिया था।

नजम सेठी ने बताया था कि अगर पाकिस्तान सरकार टीम को भारत भेजने की मंजूरी नहीं देती, तो तटस्थ जगह पर भारत से मैच हो सकते हैं। इसी को हाइब्रिड तरीका बताया जा रहा है। पीसीबी के हाइब्रिड मॉडल के मुताबिक एशिया कप के 4 मैच पाकिस्तान में होंगे और भारत के सभी मैच तटस्थ मैदानों पर कराए जाएंगे। बीसीसीआई के सचिव जय शाह इससे सहमत नहीं हैं। नजम सेठी ने जय शाह की तरफ से साफ इनकार किए जाने के बाद कहा था कि अगर पाकिस्तान में एशिया कप न हुआ, तो पीसीबी की टीम उसमें कतई हिस्सा नहीं लेगी।
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक टकराव है। पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद फैलाए जाने के कारण भारत ने उससे अभी सभी तरह के खेल रिश्ते सस्पेंड कर रखे हैं। भारत सरकार की तरफ से बीसीसीआई को टीम भेजने की मंजूरी पहले भी कई बार नहीं मिली है। ऐसे में बीसीसीआई का कहना है कि एशिया कप क्रिकेट के मैच पाकिस्तान की जगह अन्य देश में होने चाहिए। बीसीसीआई की इसी मांग का पीसीबी विरोध कर रही है। अब सबकी नजर इस पर है कि आईसीसी के दखल के बाद पीसीबी अपना रुख नरम कर बीसीसीआई की पेशकश मानता है या नहीं।