नई दिल्ली। भारत में खेले जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय और आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान, स्टेडियम के आसपास अक्सर ‘तंबाकू’ और ‘गुटखा’ के विज्ञापन देखे जाते हैं। इन विज्ञापनों से क्रिकेट बोर्ड को अच्छी खासी आय होती है। हालांकि, हाल ही में आई एक रिपोर्ट बताती है कि जल्द ही स्टेडियमों में इन विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इन विज्ञापनों को लेकर बड़े कदम उठाने की योजना बना रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और वैश्विक स्वास्थ्य संगठन वाइटल स्ट्रैटेजीज द्वारा मई में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि 2023 में धुआं रहित तंबाकू (SLT) ब्रांडों के सभी सरोगेट विज्ञापनों में से 41.3% क्रिकेट विश्व कप के आखिरी 17 मैचों के दौरान दिखाए गए थे।
NO TOBACCO OR GUTKA ADS IN STADIUM. 🏟️
– The Union Health Ministry planning to ask the BCCI to stop promoting all Tobacco and Gutka ads in cricket stadiums. (LiveMint). pic.twitter.com/PFX7ReFHzR
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) July 15, 2024
‘लाइव मिंट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से स्टेडियमों में धुआं रहित तंबाकू के विज्ञापन प्रदर्शित करने पर रोक लगाने के लिए कहने की योजना बना रहा है। सेलिब्रिटी द्वारा प्रचारित विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर ज़ोर दिया जाएगा। एक सूत्र ने बताया, “क्रिकेट मैच युवा आबादी के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ सेलिब्रिटी के समर्थन के साथ क्रिकेट मैचों के दौरान धुएँ रहित तम्बाकू के सरोगेट विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
Welcome to gautam gambhir ERA 🗿
NO TOBACCO OR GUTKA ADS IN STADIUM. pic.twitter.com/N5pvh5kNOg— Wellu (@Wellutwt) July 15, 2024
यह अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं को आकर्षित करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) BCCI को पत्र लिखकर उनसे किसी भी तरह के तम्बाकू विज्ञापन दिखाने पर रोक लगाने का आग्रह कर सकते हैं।” क्रिकेट विश्व कप खेल का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। भारत ने 2023 क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी अकेले की थी। ऐसे प्रमुख टूर्नामेंटों में, तंबाकू या गुटखा के विज्ञापनों का युवाओं पर अधिक प्रभाव पड़ता है। मंत्रालय के इस प्लान का उद्देश्य युवा दर्शकों पर तम्बाकू विज्ञापन के प्रभाव को कम करना और खेलों में एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना है।