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Wasim Akram: वसीम अकरम ने PCB की खोली पोल, बताया क्यों नहीं बनना चाहते हैं पाक क्रिकेट टीम के कोच?

Wasim Akram: वैसे तो उन्होंने कोच न बनने की बेशुमार वजहें साझा कीं हैं, लेकिन इन सभी वजहों में से उनके द्वारा पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों के बारे में यह कहना है कि ये लोग अपने कोच की इज्जत नहीं करते हैं, काफी हैरान करने वाला है।

नई दिल्ली। आपके देश की क्रिकेट टीम आपको कोच बनने का प्रस्ताव दे रही हो और आप इस प्रस्ताव को ठुकरा दें, तो शायद ज्यादा हैरानी नहीं होगी, लेकिन अगर आप यह कहकर इस प्रस्ताव को ठुकरा दे कि टीम के खिलाड़ी आपके साथ बदसलूकी कर सकते हैं। खिलाड़ी अपने सीनियर्स की इज्जत नहीं करते हैं। ये खिलाड़ी उस कोच की इज्जत नहीं करते हैं, जो इन्हें जीत की राह दिखाती है, तो ऐसे में हैरान होना स्वभाविक है। कुछ ऐसे ही हैरान करने वाले बयान पाकिस्तान के तेज गेंदबाज रहे वसीम अकरम ने दिए हैं। दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट टीम की तरफ से उन्हें कोच बनाने की जुगत जारी है, लेकिन अफसोस उन्होंने यह कहकर सारी जुगतों को ध्वस्त कर दिया कि वे पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों को सीखाने की इच्छा नहीं रखते हैं या यूं कहे कि वे टीम के कोच नहीं बनना चाहते हैं।

vaseem akram

वैसे तो उन्होंने कोच न बनने की बेशुमार वजहें साझा कीं हैं, लेकिन इन सभी वजहों में से उनके द्वारा पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों के बारे में यह कहना है कि ये लोग अपने कोच की इज्जत नहीं करते हैं, काफी हैरान करने वाला है। वसीम अकरम ने कहा कि मैं सोशल मीडिया पर देखता हूं कि कैसे खिलाड़ी अपने सीनियर्स के साथ बदतमीजी करते हैं और मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। मैं ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखता रहता हूं।

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अकरम ने कहा कि किसी भी टीम को मजबूती प्रदान करने के लिए उसके खिलाड़ियों को 200 से 250 दिन देना जरूरी है और मुझे नहीं लगता है कि मैं इतनें दिनों तक अपने परिवार से दूर रह सकता हूं, इसलिए मैंने कोच बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर खिलाड़ी मुझसे सुझाव लेते रहते हैं। मुझे उनकी मदद करने में हर्ष होता है। मेरी कोशिश रहती है कि उनकी मदद की जाए, लेकिन इतना सब कुछ करने के बावजूद भी इन खिलाड़ियों को अपने सीनियर्स को अदब देना नहीं आता है।

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इसके अलावा खिलाड़ी ने कहा कि अगर टीम अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो इसका जिम्मेदार सिर्फ कोच को ही नहीं ठहरा सकते हैं। किसी भी टीम के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई कारकों की भूमिका रहती है और इसकी पूरी जिम्मेदारी कोच पर ही डालना ठीक नहीं है। खैर, यह तो रहा अकरम का हालिया बयान, लेकिन अगर उनके वर्कफ्रट की बात करें, तो 2003 में ही संन्यास ले चुके अकरम ने पहले कमेंट्री में अपना हाथ आजमाया था। इसके बाद वे पाकिस्तान  सुपर लीग से भी जुड़े रहे हैं और अब जब उन्हें पाकिस्तानी टीम का कोच बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।